क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

पहले बुरी शक्त‍ि‍यों के लिए भूटान में बजती थीं ताल‍ियां, मोदी ने बदली परंपरा

Google Oneindia News

bhutan-modi
थ‍िंपू। भूटान को लेकर भारत ने जहां उत्साह में बीटूबी यान‍ि भूटान के लिए भारत और भारत के लिए भूटान का नारा दिया तो वहीं भूटान ने भी इस संवाद का सम्मान करते हुए अपनी सालों पुरानी परंपरा तोड़ दी। संसद के संयुक्त अधिवेशन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हिंदी में दिये भाषण के बाद करतल ध्वनि से अभिवादन किया। भूटान में बुरी शक्तियों को दूर करने के लिए ताली बजाई जाती है और मोदी के पहुंचने व भाषण के बाद नई परंपर गढ़ दी गई।

मोदी के भाषण के बाद संसद में नेशनल असेंबली तथा नेशनल काउंसिल के सदस्यों की तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी। भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे भी इस दौरान उपस्थित थे। नेशनल असेंबली (निम्न सदन) के चैंबर में संयुक्त सत्र का आयोजन किया गया जिसमें नेशनल काउंसिल (उच्च सदन) के सदस्यों ने भी भाग लिया।

यूं तो मोदी के पास तैयार भाषण था लेकिन उन्होंने हिंदी में अपने अंदाज में 45 मिनट तक भाषण दिया जिसे उपस्थित सदस्यों ने तल्लीनता से सुना। भारत-भूटान संबंधों पर मोदी के भाषण के अनुवाद के लिए दुभाषिये भी मौजूद थे। मोदी ने हिमालय को साझा विरासत बताते हुए क्षेत्र में पारिस्थितिकी विकसित करने पर जोर दिया और कहा कि भारत हिमालय पर अध्ययन के लिए एक विश्वविद्यालय खोलने की योजना बना रहा है।

नेशनल असेंबली के 47 और नेशनल काउंसिल के 25 सदस्य नीली पोशाक पहने हुए थे। इसी बीच जब मोदी ने अपना भाषण खत्म किया तो सम्मान में पूरा सदन ताल‍ियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। इस नई पहल को दोनों देशों में खूब सराहा गया वहीं कुछ नकारात्म्क तत्वों ने इसे इस तरह जोड़कर देखा कि मोदी के आने के बाद बुरी शक्त‍ियां समझकर ताल‍ियां बजा दी गईं।

Comments
English summary
In Bhutan Narendra Modi jumps a new tradition and gets claps
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X