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मेरठ दंगे में एके-47 से बरसाई गईं गोलियां, सुस्‍त रहा प्रशासन, दंगा भड़कने के आसार कायम

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meerut
लखनऊ। गत दिन मेरठ में हुआ दंगा और उसमें तीन लोगों का मारा जाना व कई दर्जनों का घायल होना इस बात की ओर इशारा करता है कि समाजवादी सरकार यूपी में दंगों को रोक पाने में विफल साबित हुई है। यह जानकर आम जनों को ताजुब होगा कि मेरठ में हुआ दंगा सपा सरकार की ही देन है। इस दंगे में एके-47 बंदूक का इस्‍तेमाल लोगों काे मारने के लिए किया गया है।

लोक सभा चुनाव 2014 अपने अंतिम चरण में है और आचार संहिता भी लागू है। यह तो सभी को ज्ञात होगा कि आचार सहिंता लागू किए जाने से पहले जिला प्रशासन की ये जिम्‍मेदारी होती है कि प्रदेश के अंदर जितने भी लाइसेंस असलहे हैं उन्‍हें जब्‍त कर दिया जाए। ऐसे में यूपी सरकार ने इस काम को भी ढंग से नहीं किया है तभी तो चुनाव के दौरान भी लोगों के हाथों में खतरनाक बंदूकें देखी जा रही हैं। दूसरी ओर बताया गया है कि दंगा होने के बाद भी मौके पर न तो एंबुलेंस पहुंची और न ही फायर ब्रिगेड की कोई गाड़ी।

आचार सहिंता में भी मेरठ में है असलहों का जखीरा:

देश भर में चुनाव चल रहा हो और किसी संवदनशील शहर से हथियारों और कारतूसों का इतना बड़ा जखीरा बरामद किया जाए, हैरान कर देने वाली बात है। मेरठ में हुए दंगे के बाद सबसे बड़ा सवाल यही उठा है कि आखिरकार इतना हथियार कां से आया? दूसरा सवाल ये है कि यदि हथियार आया तो यूपी सरकार और यूपी प्रशासन क्‍या कर रहा था? एक संप्रदाय ने तो दूसरे संप्रदाय पर ए-47 और पेट्रोल बम का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। बहुसंख्यक समुदाय के लोगों का आरोप है कि दूसरे पक्ष से कुछ हमलावर नकाब लगाए हुए थे। चुनाव के चलते अधिकांश लाइसेंसी हथियार जमा करा दिए थे, मगर शनिवार को जैसे ही बवाल हुआ, एकाएक बड़ी संख्या में हथियार निकल आए। चोरों और से गोलियां बरसने लगी। खुलकर तमंचे व पिस्टल, बंदूकों को इस्तेमाल हुआ। पुलिस के सामने ही असलहों का प्रयोग हुआ। एक संप्रदाय के लोगों ने संप्रदाय विशेष के लोगों पर ए-47 से हमला करने की आरोप भी लगाया है। उनका कहना है कि उन्होंने पहले से घरों में हथियार छिपा रखे थे। विवाद होने के बाद नकाब पहनकर गोलियां बरसाने लगे। पूरे मंजर को देखकर लोग इस खूनखराबे के पीछे बड़ी साजिश का अनुमान लगा रहे हैं!

दंगे के बाद घंटों तक नहीं पहुंची समाजवादी एंबुलेंस 108:

सांप्रदायिक संघर्ष में पुलिस-प्रशासन के हाथ-पांव किस तरह से फूल गए थे, इसका अंदाजा ग्राउंड जीरो पर देखने को मिला। घायलों को ले जाने के लिए सरकारी एंबुलेंस 108 और आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड को प्रशासन समय नहीं बुला सका। गोलीबारी और पथराव के बीच दर्जनों लोगों के घायल होने की सूचना पुलिस-प्रशासन को मिलती रही, लेकिन पूरे जिले में से एक भी एंबुलेंस मौके पर नहीं पहुंची। सवा दो बजे की घटना में घायलों को लोग अपने-अपने वाहन या पुलिस जीप से अस्पताल ले जाते देखे गए। तब तक भी कोई एंबुलेंस मौका-ए-वारदात के आसपास नहीं पहुंचा था।

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English summary
Samajwadi Party is responsible for meerut riots. In meerut riots 3 people killed and many more injured. In this riot people used heavy weapons like AK-47. So the question arise who provided this weapon.
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