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क्यों इस तरह बेकाबू और बेसहारा हुआ सहारनपुर?
हालांकि इन क्षेत्रों की घटनाएं आपस में एकदम अलग हैं। सहारनपुर में हुई हिंसा में तीन लोगों की मौत हो चुकी है व लगभ दर्जन भर से ज्यादा घायल बताए जा रहे हैं। एसएसपी राजेश पांडेय की मानें तो हालात समझने में पूरा पुलिस कुनबा जुटा है पर दोष-निर्दोष की जांच में काफी उलझनें सामने आ रही हैं।
क्याें हुआ विवाद-
- शहर के क़ुतुब शेख़ इलाक़े में एक गुरुद्वारे की ज़मीन को लेकर शुरू हुआ।
- पुलिस सूत्रों के मुताबिक "गुरुद्वारे में निर्माण चल रहा था। गुरुद्वारा मस्जिद के पीछे था और मुस्लिम समुदाय ने निर्माण को लेकर आपत्ति जताई थी।
- रात में चोरी से निर्माण कार्य हो रहा था और इसकी जानकारी मिलते ही मुस्लिम समुदाय के लोग वहां इकट्ठे हो गए व विवाद की जड़ें गहराती गईं।
सिखों का पक्ष-
- सिखों के पक्ष में कहा जा रहा है कि उन्होंने वह जमीन 15 साल पहले खरीदी थी तब से उसका रखरखाव किया जा रहा था।
- सिखों का एक वर्ग कह रहा है कि हिंसा पहले से नियोजित थी जिसके लिए बहाना खोजा जा रहा था।
- कहा गया कि सिखों ने सिर्फ पत्थरवाजी ही की पर मुसलमानों ने गोलीबारी तक का सहारा लिया।
मुसलमानों का पक्ष-
- वहीं मुस्लिम समुदाय का पक्ष है कि वह जमीन वक्फ बोर्ड से संबद्ध है वहां बिना अनुमति किसी तरह का निर्माण नहीं करवाया जा सकता।
- मीडिया रिपोर्ट में सामने आया था कि10 साल पहले से जिला न्यायालय में कानूनी तौर पर सम्बंधित जगह को मस्जिद से संबद्ध बताया गया था।
- मई 2013 के आदेश में फैसला आया कि जगह गुरुद्वारे की है।
हालांकि अभी विवाद थमता देखकर इलाके में कुछ वक्त के लिए कर्फ्यू हटाया गया है, जिससे आम लोग जरूरत का समान खरदीने निकले हैं। अभी इलाके के लोगों के बीच एक खौफ है कि कब उन जैसे कई निर्दोष हिंसा की भेंट चढ़ जाएं। लगभग 18 कंपनियों को यहां सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है जिसमें PAC, CRPF, RAF व ITBP के जवानों ने मोर्चा संभला हुआ है।
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English summary
saharanpur curfew over but this is actual reason of riot issue
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