Exclusive: अल-कायदा में 60 भारतीय युवक, 3 हजार और होंगे शामिल
बैंगलोर (ऋचा बाजपेई)। दुनिया के खूंखार आतंकी संगठनों अल कायदा, लश्कर-ए-तैयबा और आईएसआईएस ने भारत में अपना जाल बिछाना शुरू कर दिया है। 60 भारतीय युवक हाल ही में अल-कायदा में शामिल हुए हैं, जिन्हें ट्रेनिंग दी जा रही है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि अल-कायदा का लक्ष्य भारत से 3 हजार युवाओं को आतंकी ट्रेनिंग देने का है।
इस बात का खुलासा तब हुआ जब एनआईए और आईबी, दोनों एजेंसियों की ओर से पटना और बोधगया ब्लास्ट में शामिल हैदर अली के साथ ही पाकिस्तान के कराची के रहने वाले मोहम्मद फहीम और मोहम्मद अब्दुल वालिद से पूछताछ की। ये दोनों अल कायदा और तालिबान का हिस्सा रह चुके हैं।
एनआईए के सूत्रों ने वनइंडिया से खास बातचीत में बताया कि पिछले दिनों अल कायदा के एक वीडियो के सामने आने के बाद गृह मंत्रालय की ओर से एनआईए और इंटेलीजेंस ब्यूरो को निर्देश दिए गए कि वह इससे जुड़ी और जानकारियां हासिल करें।
इस सिलसिले में एनआईए और आईबी की ओर से सोमवार को तीन बड़े आतंकियों से पूछताछ की गई है। इस पूछताछ में एनआईए को अलकायदा के भारत में आतंकी मंसूबों को पूरा करने के खतरनाक प्लान से जुड़ी कई अहम जानकारियां हासिल हुई हैं।
अल कायदा को नंबर वन बनाएगा कश्मीर!
हैदर अली ने जो जानकारियां एनआईए और आईबी को दी है उसके मुताबिक अल कायदा भारतीय क्षेत्र में अपनी मजबूत पकड़ बनाने के लिए जोर शोर से कोशिशों में लगा हुआ है। इसके लिए उसने कश्मीर को अपना हथियार बना लिया है।
अलकायदा की नजरें कश्मीर में मौजूद राजनीतिक हालातों पर हैं। पूछताछ में इन तीनों ने बताया है कि अल कायदा को कश्मीर क्षेत्र में बड़ा समर्थन हासिल है और वह इसे किसी भी कीमत में खोना नहीं चाहते।
एक और चौंकाने वाले खुलासे के मुताबिक अलकायदा खुद को खलीफा घोषित करने की तैयारी में था लेकिन उससे पहले ही आईएसआईएस ने खुद को इस्लामिक स्टेट का खलीफा घोषित कर दिया। हैदर अली ने यह दावा भी किया है कि जल्द ही अल कायदा फिर से नंबर वन होगा।
भारतीय युवाओं को जोड़ेंगे
फहीम और वालिद जो शुरुआत में लश्कर-ए-तैयबा के साथ जुड़े थे, बाद में इससे अलग होकर अलकायदा और तालिबान के साथ जुड़ गए। इनकी दी हुई जानकारी के मुताबिक यह दोनों ही अलकायदा के सिद्धांतों से काफी प्रभावित हैं और साथ ही इन्हें शेख असीम उमर के भाषणों से काफी प्रेरणा मिलती है।
इन दोनों को अलकायदा की ओर से निर्देश दिए गए थे कि वह ज्यादा से ज्यादा भारतीय युवाओं को संगठन में शामिल करें।
इन्होंने कई युवाओं को अफगानिस्तान में ट्रेनिंग के लिए भेजने में सफलता भी हासिल कर ली है। फहीम और वालिद के मुताबिक इस समय करीब 60 भारतीयों की भर्ती की गई है और यह इस समय अल कायदा का हिस्सा हैं। तालिबान की ओर से इन्हें ट्रेनिंग दी जा रही है और ट्रेनिंग प्रोग्राम इस समय पाकिस्तान के हेलमंद चल रहा है।
नॉर्थ वेस्ट पाकिस्तान के हेलमंट में अलकायदा और तालिबान के कैंपों में जहां इन भारतीयों को ट्रेनिंग मिल रही है वहां पर अक्सर ही अलकायदा के टॉप लीडर्स आते रहते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं इन लीडर्स के साथ कई बार पाकिस्तानी अधिकारी भी होते हैं।
फहीम और वालिद की मानें तो अल जवाहिरी और शेख उमर दोनों ही पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा पर हैं और यह दोनों कभी भी इस इलाके को सुरक्षा कारणों से नहीं छोड़ेंगे। इनके मुताबिक अक्सर ही वीडियो मैसेज कैंप में मौजूद लोगों को भेजे जाते हैं।
ताकि तैयार हो सकें भारतीय फिदायीन
इन दोनों ने बताया है कि अल कायदा और तालिबान दोनों ही चाहते हैं कि भारतीय मूल के आतंकी फिदायीन हमलों में स्पेशलाइज हो सकें क्योंकि इन हमलों का प्रभाव काफी बड़ा होता है।
अलकायदा ने सभी भारतीय कैडर्स को साफ कर दिया है कि उन्हें भारत में 26/11 जैसे एक नहीं बल्कि कई हमले कराने हैं और इसके लिए उन्हें ट्रेनिंग दी जा रही है।
हैदर की मानें तो अल कायदा इस बात को लेकर काफी निराश है कि भारत से होने वाली कैडर्स की भर्ती में इतना लंबा समय लगा। अलकायदा को उस समय एक बड़ झटका लगा जब इंडियन मुजाहिद्दीन में शामिल आतंकियों को झुकाव आईएसआईएस की ओर होने लगा।
हैदर अली जो कि सिमी का हिस्सा है उसकी मानें तो सिमी के कैडर्स अलकायदा की ओर झुकाव की बड़ी वजह है इस्लाम के लिए उनकी विचारधारा का ज्यादा से ज्यादा झुकाव होना।
हैदर अली ने यहां तक बताया कि सिमी के प्रमुख सफदर नागौरी ने गिरफ्तार होने से पहले यह बात सुनिश्चित कर दी थी कि भारत से कम से कम 1000 युवाओं को अलकायदा और तालिबान में शामिल होने के लिए अफगानिस्तान भेजा जाएगा।
अल कायदा चाहता है कि भारत के युवाओं की ज्यादा से ज्यादा भर्ती कर वह एक आर्मी तैयार कर सके और इसके लिए उसका लक्ष्य 3,000 युवाओं की भर्ती करना है।
चेतावनी है आपके लिए
अगर यह बात सही साबित हुई तो फिर यह आपके लिए एक बड़ी चेतावनी है। 6 युवाओं को शामिल करने के बाद अब अल कायदा का लक्ष्य 3,000 और युवाओं को भर्ती करना है। हो सकता है कि वह आपके घर के बच्चों को बहला-फुसलाकर उन्हें अपनी आतंकी ब्रिगेड में शामिल करने के अपने मंसूबों को पूरा करने की कोशिशों में लग जाए।