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Exclusive: कारगिल पर आजम के बेहुदे बयान पर भड़के सैन्य अधिकारी

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Azam Khan
[ऋचा बाजपेयी] समाजवादी पार्टी के नेता व उत्तर प्रदेश के मंत्री आजम खां ने एक और विवादित बयान देते हुए कहा, "कारगिल का युद्ध जीतने के लिए जो फौजी लड़े, वही हिंदु नहीं बल्कि मुसलमान थे। जिन लोगों ने कारगिल में चोटियों पर फतह हासिल की वो मुसलमान थे। यानी मुसलमानों को सेना में भर्ती किया जाये, क्योंकि देश की रक्षा उनसे बेहतर कोई नहीं कर सकता"।

जाहिर है इस बयान को पढ़कर आपको गुस्सा आया होगा कि आजम जैसे नेता किस तरह समाज को बांटने का काम कर रहे हैं। आपसे भी ज्यादा गुस्सा सेना के उन अध‍िकारियों को आया, जिन्होंने अपना जीवन सरहदों को सुरक्ष‍ित रखने के लिये समर्पित कर दिया। एक अध‍िकारी ने तो यहां तक कह दिया कि हां मुसलमानों ने कारगिल पर कब्जा जरूर किया था, लेकिन वे हिन्दुस्तानी नहीं पाकिस्तानी थे।

बेंगलूर से रिटायर्ड एयर मार्शल बीके पांडेय कहते हैं कि कारगिल पर देश के दूसरी तरफ के मुसलमानों ने कब्‍जा किया था, लेकिन हिन्‍दुस्‍तानी फौजों (जिसमें हिन्दू और मुसलमान दोनों थे) की बहादुरी के आगे वह टिक नहीं सके। उन्‍होंने आजम खान के बयान पर कटाक्ष करते हुए कि अगर इस नजरिए से आजम खान के बयान को देखें तो वह सही साबित हो सकते हैं। एयर मार्शल पांडेय से जब जानने की कोशिश की कि क्‍या इस तरह की बयानबाजी से आजम खान जैसे नेता अपने समुदाय के ज्‍यादा से ज्‍यादा वोट हासिल करने की कोशिश करते? इस पर उनका जवाब था कि वह चाहे जो भी कोशिश करें, लेकिन सफल नहीं हो सकते हैं क्‍योंकि देश की जनता सबकुछ जानती है। उसे सच मालूम है।

आजम खां शायद यह नहीं जानते हैं कि जब भी सेना का कोई कैडट पासिंग आउट सेरेमनी की परेड में शामिल होता है, तो उसे गीता, कुरान, गुरुग्रंथ साहिब और बाइबिल तीनों की शपथ दिलाई जाती है। इस बात से कोई भी फर्क नहीं पड़ता कि वह हिंदु है या मुसलमान, सिख है या ईसाई।

आजम की हिम्‍मत कैसे हुई यह बोलने की?

इंडियन आर्मी में मेजर रैंक के अधिकारी से जब हमने इस बात पर प्रतिक्रिया लेनी चाही तो वह बयान को सुनते ही नाराज हो गए। उन्‍होंने उनके बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा हमारे देश में नेताओं का स्‍तर इतना नीचे गिरता जा रहा है कि वह कुछ भी कहने से पहले सोचने की जहमत ही नहीं उठाना चाहते हैं। इस अधिकारी ने गु स्‍से में कहा कि आजम खान की हिम्‍मत कैसे हो गई इतना बोलने की। अगर उनमें ताकत है तो वह एक बार बॉर्डर पर आए और देखें कि कैसे दिन-रात, बारिश, बर्फबारी और गर्मी की परवाह किए बिना वह सीमा पर चौकस रहते हैं। इस अधिकारी ने कहा कि एनडीए या आईएमए में जब कोई कैडेट आता है तो उसे सर्वधर्म समभाव की बात सिखाई जाती है।

सबके प्रयासों से मिली जीत

आजम की इस टिप्‍पणी से सेना के वर्तमान अफसर तो नाराज हैं ही साथ ही पूर्व अफसरों में भी खासी नाराजगी है। पूर्व सेना प्रमुख और गाजियाबाद बीजेपी पद के उम्‍मीदवार रिटायर्ड जनरल वीके सिंह ने इस बयान से साफ नाराजगी जताई। जनरल सिंह ने कहा कि जो लोग ऐसा बोल रहे हैं, वह पहले अपने तथ्‍यों को जांच लें। कारगिल विजय में फतह हर भारतीय सैनिक का मिलाजुला प्रयास और उनकी बहादुरी का नतीजा थी।

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English summary
Armed forces' officers slam Samajwadi Party leader and UP minister Azam Khan for his statement over Muslims'contribution in Kargil War.
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