'नेताजी' से मौलाना नाराज, कहा यूपी के मोदी हैं मुलायम
लखनऊ। पश्चिम उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर का दंगा प्रदेश का सपा सरकार के लिए मुसीबत का सबब बन गई है। सेना ने हिंसा पर रोक लगाकर इलाके में शांति मुहाल कर दी लेकिन 40 लोगों की मौत ने अखिलेश सरकार की मुश्किलें और बढ़ा दी है। हिंसा के बाद सपा सुप्रीमों मुलायम सिंह मुस्लिम समुदाय के निशाने पर आ गए है। दंगों के लिए विपक्षी दल और मुस्लिम समुदाय अखिलेश सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे है। दंगों के बाद मुलायम के खिलाफ रोष बढ़ गया है।
मुस्लिम संगठनों ने समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव को जिम्मेदार ठहराया है। संगठनों ने मुलायम सिंह यादव की भूमिका पर सवाल उठाते हुए उन्हें यूपी का मोदी करार दिया है। अल्पसंख्यकों की राजनीति करने वाले और मुसलमानों के पक्षधर कहे जाने वाले सपा प्रमुख के लिए मुस्लिम संगठन लगातार कई मुसिबतें पैदा कर रहे हैं। जो समुदाय अबतक सपा के समर्थन में खड़ा दिखाई दे रहा था वहीं अब उनकी खिलाफत कर रहे है।
ऑल इंडिया तंजीम उलेमा ए हक के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना एजाज कासमी ने मुलायम की तुलना मोदी से करते हुए कहा कि मुजफ्फरनगर दंगों में मुलायम का असली चेहरा सबके सामने ला दिया। जो मुलायम अपने वो अल्पसंख्यको का हितौषी बता रहे है वो असल में वोट के लिए कुछ भी कर सकते है। मौलाना ने कहा कि दंगों ने उसका असली चेहरा सामने ला दिया है।
मौलाना ने मुजफ्फरनगर दंगा रोकने में यूपी की प्रदेश सरकार को नाकाम बताते हुए कहा कि सरकार अगर चाहती तो घंटों में इस हिंसा को रेक लेती और 40 लोगों की जाने बचा लेती, लेकिन अपने फायदे के लिए सरकार ने ऐसा नहीं किया। मुलायम से नाराज ऑल इंडिया तंजीम उलेमा ए हक ने 2001 में सपा मुखिया को दिया गया राम मनोहर लोहिया अवार्ड वापस मांगा है। संस्था ने मुलायम को एक पत्र लिखकर 10 दिनों के भीतर वो सम्मान वापस लौटाने का कहा है और कहा है कि वो इस सम्मान के योग्य नहीं हैं।