अपने करीबी दोस्त अटल के घर में भी बेगाने हुए आडवाणी
भाजपा सूत्रों के मुताबिक लखनऊ से सांसद लालजी टंडन के इशारे पर ही भाजपा से जुड़े लोगों ने बड़े-बड़े बैनर, पोस्टर जगह-जगह लगाए थे। लेकिन पोस्टर एवं होर्डिग्स में अटल की तस्वीर तो थी, लेकिन भाजपा के लौहपुरुष की तस्वीर गायब। भाजपा के एक पदाधिकारी ने कहा कि ऐसा मोदी के चाहने वाले ही कर सकते हैं। वरना अटल के साथ आडवाणी की तस्वीर न हो यह तो बड़े ही दुख की बात है। मोदी खेमे की ओर से यह सब सुनियोजित तरीके से किया गया है।
लखनऊ में कन्वेंशन सेंटर, प्रदेश कार्यालय, कैसरबाग, नूर मंजिल और निशातगंज स्थित गोमती पुल के पास लगी बड़ी-बड़ी होर्डिगों से आडवाणी नदारद। आयोजनकर्ताओं से इसकी वजह पूछे जाने पर कोई भी शख्स मुंह खोलने को तैयार नहीं। इस बात की भी चर्चा रही कि इस कार्यक्रम में पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को शामिल होने का न्योता जानबूझकर नहीं भेजा गया। राजनाथ के अलावा नरेंद्र मोदी को भी न्योता नहीं भेजा गया, जबकि मोदी के करीबी अमित शाह शुक्रवार को लखनऊ आने वाले थे लेकिन कतिपय कारणों से देर रात उनका दौरा टल गया।
कार्यक्रम को लेकर हालांकि स्थानीय सांसद लालजी टंडन का केवल इतना कहना है कि इस कार्यक्रम को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। भाजपा प्रवक्ता चंद्रमोहन सिंह से इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने इस मसले पर कोई प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2012 में लखनऊ में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की गई थी। तब भी बैनरों एवं पोस्टरों से आडवाणी को गायब कर दिया गया था, लेकिन मामले ने जब तूल पकड़ा तो एक बड़े नेता के इशारे पर रातों रात बैनर, होर्डिग्स बदल दिए गए थे।