युवाओं के लिए सचिन से बेहतर आदर्श कोई नहीं
भारतीय कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी के अनुसार युवाओं के लिए सचिन से बेहतर आदर्श कोई हो ही नहीं सकता है, भारत जैसे देश में जहां क्रिकेटरों पर भारी दबाव होता है, उन्होने उसे बेहतर ढंग से झेला। उन्होने मैदान के बाहर और मैदान के अन्दर अपने व्यवहार और खेल से जो स्टैंडर्ड सेट किया वह अनुकरणीय है।
भाग्यशाली हूं कि मैं भारत में पैदा हुआ
भारतरत्न पाने के बाद सचिन ने कहा था कि मैं भाग्यशाली हूं कि मैं भारत में पैदा हुआ, मैं लोगों का आभारी हूं कि उन्होने इतने समय तक मुझे प्यार और समर्थन दिया।
'मैं उस देश में रहता हूं, जहां सचिन रहते हैं'
यह पहली ही बार देखने को मिला जब महान खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर ने सार्वजनिक तौर पर किसी के पैर छुए। जी हां, मौका था मुंबई पुलिस के शो 'उमंग' का जिसमें देश की कई बड़ी शख्सियतों को सम्मानित किया गया। यहां पर आशा भोंसले की मौजूदगी में अमिताभ बच्चन ने सचिन तेंदुलकर को सम्मानित किया जिसके बाद सचिन ने अमिताभ के पैर छुए। अमिताभ ने सचिन को रोंकने का पूरा प्रयास किया लेकिन सचिन ने आशीर्वाद ले ही लिया। जिसके बाद अमिताभ ने ट्विटर अकाउंट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 'मुझे गर्व है कि मैं उस देश में रहता हूं, जहां सचिन रहते हैं।'
जो हूं भाई के बदौलत हूं
निजी जिंदगी भी सचिन की काफी रोचक हैं। अपने जीवन की हर सफलता का श्रेय वह अपने बड़े भाई अजीत तेंदुलकर को देते आये हैं। सचिन ने कहा कि सचिन को सचिन बनाने वाले उनके भाई अजीत ही हैं। अजीत ने सचिन का जीवन संवारने के चलते आज तक शादी नहीं की।
साईं बाबा के बहुत बड़े पूजारी
सचिन पुट्टापर्थी के साईं बाबा के बहुत बड़े पूजारी थे। उनकी बातों का उनपर बहुत ज्यादा असर रहता था जिसके कारण वो उनकी मृत्यु पर बिलख-बिलख कर रोये भी थे। कहा जाता है कि सचिन ने अपने घुंघराले बाल, साईं बाबा के ही कहने पर रखे थे।
पांच साल बड़ी डा. अंजली से प्रेमविवाह
सचिन ने अपने से पांच साल बड़ी डा. अंजली से प्रेमविवाह किया था। सचिन को शादी से दो बच्चे हैं सारा और अर्जुन। सचिन और अंजली को मेड फॉर इच अदर कहा जाता है।
सचिन जैसा कोई नहीं है और ना ही कोई होगा
सचिन के संन्यास लेने के बाद विश्व की प्रमुख पत्रिकाओं में से एक टाइम ने सचिन के लिए लिखा था कि सचिन महान थे, हैं और रहेंगे, सचिन तो वो नायाब हीरा है जिसके आगे वक्त भी नतमस्तक हो गया ।
वक्त तो किसी के लिए नहीं रूकता है लेकिन सचिन तेंदुलकर ने वक्त को भी अपने हाथों में थाम कर रखा था। हमें चैम्पियन मिलेंगे, हमें महान खिलाड़ी मिलेंगे लेकिन हमें फिर कभी कोई दूसरा सचिन तेंदुलकर नहीं मिलेगा. वाकई में सचिन जैसा कोई नहीं है और ना ही कोई होगा।