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देख‍िये क्या हुआ छत्तीसगढ़ में स्टोरेज सुविधा नहीं होने से

By Ians Hindi
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Rain
रायपुर। छत्तीसगढ़ में बेमौसम बरसात और धान संग्रहण केन्द्रों की लापरवाही ने सूबे में तकरीबन 4000 करोड़ रुपये के धान को खराब कर दिया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीद के तहत खरीदे गए लगभग 80 लाख मीट्रिक टन धान पर बारिश का संकट अभी भी बरकरार है।

रायपुर सहित सूबे के कई जिलों में रविवार रात तेज बारिश से कई संग्रहण केन्द्रों के धान भीग गए हैं। सूबे के कई जिलों में शुक्रवार रात से अभी तक रुक-रुक कर हो रही बारिश से लाखों टन धान के बोरे भीग गए हैं।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष टी.एस. सिंहदेव का साफ आरोप हैं कि 22 लाख टन धान को घपले घोटालों और अनियमितताओं पर पर्दा डालने के लिए खुले में छोड़कर भीगने दिया गया। दूसरी तरफ सूबे के खाद्य आपूर्ति मंत्री पुन्नूलाल मोहिले ने इसे प्राकृतिक आपदा बताते हुए विपक्ष के आरोपों को खीझ मात्र बताया है।

छत्तीसगढ़ में अब तक की सबसे बड़ी खरीद का धान प्रदेश के करीब डेढ़ हजार उपार्जन केंद्रों और खरीद केंद्रों में खुले में रखा गया है। इसी बीच बीते शुक्रवार शाम से मौसम में हुए बदलाव के कारण कई स्थानों पर तेज बारिश हुई और अभी भी बेमौसम बारिश के बादल मंडरा रहे हैं।

रविवार की रात तो जमकर बारिश हुई जिससे प्रदेश के कई जिलों में खुले में रखा धान भींगकर खराब हो गया। अनुमान है कि अरबों रुपये के धान पर बारिश का पानी फिर गया है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल खरीदे गए धान में से करीब पौने दो सौ करोड़ का धान खराब हो गया था।

भारी बारिश से बिखर गये किसानों के सपने

महासमुंद जिले के तुमाडबरी संग्रहण केंद्र के प्रभारी एसआर साहू ने बताया कि शनिवार की सुबह अचानक हुई बारिश से ऊपर-ऊपर के धान बोरे भीग गए हैं। ऐसे में कैप कवर ढंकने से धान के अंकुरित होने का खतरा है। इसलिए मौसम खुलने का इंतजार कर रहे हैं। जैसे ही मौसम साफ होगा, कैप कवर ढंककर धान को सुरक्षित करेंगे।

उल्लेखनीय है कि इस वर्ष सबसे अधिक सात लाख 38 हजार 40 मीट्रिक टन धान की आवक जांजगीर-चाम्पा जिले में दर्ज की गई है। लंबे समय तक नंबर वन रहने वाला महासमुंद जिला छह लाख 97 हजार 999 मीट्रिक टन आवक के साथ दूसरे नंबर पर खिसक गया है। रायपुर पांच लाख 49 हजार 450 मीट्रिक टन धान की खरीदी के साथ तीसरे स्थान पर आ गया है।

सूबे के रायपुर जिले के कई स्थानों पर पिछले 24 घंटे के दौरान जमकर बारिश हुई है। विभिन्न स्थानों के धान उपार्जन और संग्रहण केंद्रों में खुले में रखा धान भींगा है। नया रायपुर क्षेत्र के बरोंदा में स्थित उपार्जन केंद्र में हजारों बोरा धान खुले में रखा हुआ है। यह धान धूप में सूखने से वजन में कमी आ रही है और अब बारिश में भींगने से धान के खराब होने की आशंका बढ़ गई है।

भीगे धान का हिसाब, जिला समिति खुले में धान: रायपुर 123 32 लाख क्विंटल, जांजगीर 206 15 लाख क्विंटल, महासमुंद 122 27 लाख क्विंटल, राजनांदगांव 113 12 लाख क्विंटल, बस्तर 58 06 लाख क्विंटल, धमतरी 84 09 लाख क्विंटल, कवर्धा 79 20 लाख क्विंटल, कांकेर 111 14 लाख क्विंटल, सरगुजा 30 02 लाख क्विंटल, रायगढ़ 121 31 लाख क्विंटल, बिलासपुर 130 18 लाख क्विंटल।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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English summary
Heavy rains in many parts of Chhattisgarh have destroyed the crops. This is a huge setback for farmers.
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