UPSC: बिहार तक पहुंची विरोध की गूंज, बताया हिंदी भाषी प्रतिभा को रोकने की साजिश
अन्य दलों के सदस्यों ने भी खड़े होकर इसका समर्थन किया और कहा कि राज्य सरकार को हस्तक्षेप कर केन्द्र से इस प्रणाली को खत्म कराना चाहिए। शून्यकाल के आरंभ में ही नीरज कुमार ने इस मसले को उठाते हुए कहा कि इसको लेकर एक हजार से अधिक छात्र दिल्ली में धरना पर बैठे हैं।
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यूपीएससी में अंग्रेजी विषय में पास होना जरूरी था व अब जानबूझकर अंग्रेजी के अिनवार्य प्रश्नों को बहुत जटिल कर दिया जा रहा है। यही कारण है कि इस वर्ष हिन्दी में परीक्षा देने वाले मात्र एक छात्र को 107वां स्थान मिल पाया है। यह बिहार की प्रतिभा का अपमान है।
भाजपा के हरेंद्र पांडेय ने इसका समर्थन किया है और सभी सदस्यों से एकजुट होकर समर्थन की अपील की है। हालांकि अब खबरें यह भी आ रही हैं कि सरकार ने सी-सैट खत्म करने की छात्रों की मांग पर गौर किया है।