CM मांझी का बेतुका बयान, कहा चूहा मारकर खाना गंदी बात नहीं, मैं भी मारकर खाता था
पटना। बिहार बाढ़ की विभीषिका से तड़त रहा है। लोग घरों को छोड़ राहत कैंपों में है। खाने के लाले पड़ रहे है। हालत ये है कि बाढ़ से प्रभावित लोगों के चूहा खाकर जिंदा रहना पड़ रहा है, लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री बेतुकी बयानबाजी कर मजे ले रहे हैं।
जी हां बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का तो विवादों ने गहरा नाता बन गया है। आए दिन बतुकी बातें कर मांझी अखबारों की सुर्खियों में छा जाते है। बाढ़ पीड़ितों को राहत देने की बजाए मांझी उनके दर्द पर नमक मलने का काम कर रहे हैं। बाढ़ पीडितों द्वारा चूहा मारकर जिंदा करने की खबर पर बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने विचित्र बयान दिया है। उन्होंने कहा कि चूहा मारकर खाना खराब बात नहीं है।
मांझी ने कहा कि मैं भी चूहा खाता था। आपको बता दें कि जीतन राम मांझी मुसहर जाति से ताल्लुक रखते हैं। देश के जिन इलाकों में यह दलित जाति है वहां सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से अब भी बेहद पिछड़ी है। हलांकि अब के हालत वैसे नहीं है, लेकिन आजादी से पहले मुसहर जाति अभाव में गुजर बसर करते थे। उन्हें पेट भरने के लिए अनाज मयस्सर नहीं होता था। मजबूरी में पेट भरने के लिए ये चूहा मारकर खाते थे। अब हालात ऐसे नहीं हैं।
बाढ़ पीडि़तों के मजबूरी में पेट भरने के लिए चूहा खाने पर बेबस होना और सीएम का कहना कि चूहा खाना खराब नहीं है, चौंकाने वाला है। गौरतलब है कि बिहार के नए सीएम जीतन राम मांझी एक के बाद विवादित बयान देते रहे हैं। हाल ही में मांझी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र मखदुमपुर के झमणबिगहा गांव के आयोजित एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने साफ कहा था कि मैं आपके इस गीदड़ भाव से डरने वाला नहीं हूं। मांझी ने कहा कि हम आपके वोट से नहीं जीतते हैं। आपका तेवर कह रहा है कि आप मुझे वोट नहीं देते हैं।