पाकिस्तान में नौ माह के बच्चे पर लगे हत्या के आरोप खारिज
पिछले कुछ दिनों में पाकिस्तान में सामने आए इस अजब-गजब केस के बाद पूरे विश्व में पाक की कानून व्यवस्था की निंदा शुरू हो गई थी। विशेषज्ञों ने यहां तक कह दिया था कि इस बात से साफ है कि पाक में कानूनों में किस हद तक बदलाव की जरूरत है। फिलहाल इस केस को 23 अप्रैल तक के लिए टाल दिया गया है।
डरे
हुए
बच्चे
का
लिया
गया
फिंगरप्रिंट
नौ
माह
के
मूसा
पर
उस
वक्त
हत्या
का
आरोप
लगाया
था
जब
वह
एक
पब्लिक
अफसर
के
काम
में
बाधा
डाला
रहा
था
और
जब
उसने
उस
समय
उस
अफसर
पर
हमला
किया
जब
वह
अपनी
ड्यूटी
कर
रहा
था।
बच्चे
के
परिवार
का
केस
लड़ने
वाले
वकील
इरफान
तरार
ने
इस
बात
की
जानकारी
दी।
मूसा के खिलाफ जब यह केस दर्ज हुआ तो लाहौर के पश्चिमी कस्बे में रहने वाला मूसा का परिवार अपना घर छोड़कर कहीं चला गया। इससे पहले इस केस के तहत एक फोटोग्राफ के जरिए दिखाया गया था कि किस तरह से डरे और सहमे मूसा का फिंगर प्रिंट हासिल किया जा रहा है।
'किस
कानून
के
तहत
दर्ज
किया
गया
केस'
शनिवार
को
जब
यह
बच्चा
कोर्ट
में
आया
तो
पूरी
कानूनी
कार्यवाही
के
समय
अपने
दादा
की
गोदी
में
बैठा
रहा
और
उसके
हाथ
में
दूध
की
बॉटल
थी।
मूसा
को
देखकर
वहां
मौजूद
मीडिया
हैरान
था
और
बस
यही
सोच
रहा
था
कि
जो
बच्चा
अभी
ठीक
से
चल
भी
नहीं
सकता
है,
वह
भला
किसी
का
मर्डर
कैसे
करेगा।
वकील इरफान तरार ने इस पूरे मुद्दे पर कहा कि मूसा के केस से पता चलता है कि पाक में पुलिस सिस्टम किस तरह से काम कर रहा है। तरार ने बताया कि शनिवार को अदालत में पुलिस ने कहा कि वह बच्चे को गिरफ्तार नहीं करना चाहती है।
वहीं दूसरी तरफ अपने फैसले में अदालत ने कहा कि इस केस की जांच में शामिल अफसर बताएं कि वह क्यों इस बच्चे को गिरफ्तार करना चाहते थे और किस कानून के तहत उन्हें यह इजाजत मिली।
क्या
था
केस
इस
पूरे
विवाद
की
शुरुआत
उस
समय
हुई
थी
जब
पुलिस
ने
एक
फरवरी
को
लाहौर
के
मुस्लिम
कस्बे
में
रहने
वाले
निम्न
मध्यम
वर्गीय
परिवार
के
घर
की
तलाशी
ली
गई
जो
कि
अपने
गैस
बिल
की
अदायगी
नहीं
कर
रहे
थे।
पुलिस
इस
सिलसिले
में
बकाएदारों
की
लिस्ट
तैयार
कर
गैस
पाइप
का
कनेक्शन
काटने
के
लिए
वहां
पर
पहुंची।
पाकिस्तान में गैस और बिजली के बिल की अदायगी सबसे बड़ी चुनौती है। पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक जिस समय पुलिस तलाशी ले रही थी उस समय कुछ लोगों ने टीम पर पत्थरों से हमला किया। हमले में 20 लोगों के खिलाफ आरोप तय किए गए जिसमें से पांच लोगों के नाम पर केस दर्ज किया गया, जिसमें मूसा का नाम भी शामिल था।