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मुश्किलों में घिरे नवाज शरीफ पहुंचे सेना की शरण में

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इस्‍लामाबाद। पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने मंगलवार को पाक सेना प्रमुख राहील शरीफ से मुलाकात की है।

नवाज शरीफ प्रशासन से जुड़े सूत्रों के मुताबिक इस्‍लामाबाद में जो विरोध प्रदर्शन जारी है, फिलहाल उसका कोई नतीजा नहीं दिख रहा है। ऐसे में नवाज शरीफ ने सेना प्रमुख से मुलाकात की है।

नवाज के घर हुई मुलाकात

प‍ाकिस्‍तान में पिछले कुछ दिनों से नवाज शरीफ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी हैं और इस प्रदर्शन में उनके इस्‍तीफे की मांग की जा रही है। इस्‍लामाबाद स्थित पाक संसद के सामने हजारों प्रदर्शनकारी जमा हैं।

गौरतलब है कि पाक में तख्‍तापलट का अपना एक खास इतिहास रहा है और इन प्रदर्शन को देखकर पाक मामलों के विशेषज्ञ इस बात के कयास लगाने लगे थे कि यहां पर फिर एक बार तख्‍तापलट हो सकता है।

सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक यह मुलाकात नवाज शरीफ के घर पर हुई थी। नवाज शरीफ और राहील शरीफ के बीच देश में जारी राजनीतिक हालातों को लेकर चर्चा हुई।

इस मीटिंग के बारे में ज्‍यादा जानकारी फिलहाल नहीं मिल सकी है। साथ ही पाक सेना की ओर से भी कोई टिप्‍पणी अभी तक इस मुलाकात पर नहीं की गई है। पाक में क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान और मुस्लिम धर्मगुरु ताहिर-उल-कादरी की अगुवाई में 16 अगस्‍त से इस्‍लामाबाद में विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है।

इमरान खान और कादरी के हजारों समर्थक इस्‍लामाबाद के रेड जोन में इकट्ठा हैं। फिलहाल यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण हैं और सुरक्षाबल भी पूरी तरह से तैनात हैं।

अच्‍छे नहीं रहे हैं नवाज के सेना से रिश्‍ते

यहां पर यह बात काफी अहम है कि पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के रिश्‍ते पाक सेना के साथ वर्ष 1999 में हुए कारगिल वॉर के बाद से ही खराब हैं।

उस समय पाक को करारी हार का सामना करना पड़ा था और तत्‍कालीन पाक सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ ने तख्‍तापलट कर नवाज को सत्‍ता से बेदखल कर दिया था।

पिछले वर्ष जब नवाज शरीफ सरकार ने मुशर्रफ के खिलाफ केस चलाया तो सेना के ऑफिसर उनसे खासे नाराज हो गए। पाक सेना के अफसरों का मानना है कि पाकिस्‍तान में सिर्फ सेना ही देश की रक्षक बन सकती है। सिर्फ सेना ही देश को भ्रष्‍ट राजनेताओं और असक्षम शासकों से मुक्ति दिला सकती है।

पाक की सत्‍ता धारी पार्टी को शक है कि जो विरोध प्रदर्शन इस्‍लामाबाद में चल रहा है, उसे मिलिट्री में शामिल कुछ अफसरों का सहयोग मिल रहा है ताकि सरकार को कमजोर किया जा सके।

कुछ लोग तो यहां तक मान रहे हैं कि अब सेना फिर से पाक की सत्‍ता को अपने कब्‍जे में करना चाहती है। इसी वजह से वह नवाज शरीफ को कमजोर करने में लगी हुई है।

English summary
Nawaz Sharif now meets with Pak army chief to seek help. Nawaz wants to end political deadlock as soon as possible.
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