पाक के अन्ना हजारे ताहिर-उन-कादिरी ने किया आजादी मार्च का ऐलान
लाहौर। अगस्त 2011 में 15 अगस्त से जब अन्ना हजारे ने रामलीला मैदान से देश में मौजूद भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन शुरू करने का ऐलान किया तो भारत में एक नए अध्याय की शुरुआत हुई।
अब 14 अगस्त को पाकिस्तान में उसी तर्ज पर 'आजादी मार्च' का ऐलान किया है। कादिरी पाकिस्तान आवामी तहरीक (पीएटी) के मुखिया हैं और पाक में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलनों के अगुअा भी माने जाते हैं।
कादिरी ने रविवार को पाकिस्तान में 'शहीद दिवस' के मौके पर नवाज शरीफ सरकार को चुनौती देते हुए कहा है कि जब तक पाक की वर्तमान सरकार अपना इस्तीफा नहीं सौपती है तब तक यह आजादी मार्च जारी रहेगा।
कादिरी
को
वहां
के
युवाओं
को
खासा
समर्थन
भी
मिल
रहा
है।
एक
नजर
डालिए
कि
आखिर
कौन
हैं
यह
कादिरी
और
आखिर
क्यों
उन्हें
पाकिस्तान
का
'अन्ना
हजारे'
करार
दिया
जाता
है।
'रेवॉल्यूशन मार्च' की भी अपील
मोहम्मद कादिरी की ओर से 14 अगस्त को आजादी मार्च के साथ ही 'रेवॉल्यूशन मार्च' की शुरुआत का भी ऐलान किया गया। पाक के कई हिस्सों से यहां पर भारी संख्या में लोगों के जुटने की उम्मीदें हैं।
अब नवाज की आफत
मुहम्मद ताहिर-उल-कादिरी, 63 वर्ष की उम्र में यह व्यक्ति पहले पाकिस्तान में आसिफ अली जरदारी की सरकार के लिए चुनौती बनकर उभरा तो अब नवाज शरीफ और उनकी सरकार के लिए चुनौती पेश कर रहा है।
पाक की सरकार को बताया भ्रष्ट
पाकिस्तान में सभी लोग कादिरी की तुलना अन्ना हजारे से करते हैं। कादिरी ने पिछले वर्ष पाक में जब चुनावी प्रक्रिया में सुधार की मांग की तो वह एकदम से पाक और अंतराष्ट्रीय मीडिया का हिस्सा बन गए। कादिरी चाहते हैं कि पाक की एसेंबली खत्म हो और भ्रष्ट सरकार यहां से जाए।
अन्ना हजारे की तरह दी सरकार को चुनौती
कादिरी ने रविवार को कहा कि उनके सैंकड़ों समर्थकों के साथ हिंसा की गई। वह तब तक पीछे नहीं हटेंगे जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती। यही नहीं कादिरी ने यह भी कहा कि अब नवाज शरीफ सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है।
पाक के धर्मगुरु का दर्जा हासिल
मोहम्मद कादिरी कनाडा से आए एक मौलवी हैं और उन्हें पाक में लोगों ने धर्म गुरु का दर्जा दिया हुआ है। कादिरी ने पाक में आसिफ अली जरदारी की अगुवाई वाली सरकार को भी नोटिस दे डाला था। बताते हैं कि उनकी मांगों से पाक के कई लोग इत्तेफाक रखते हैं और मानते हैं कि कादिरी जो भी कर रहे हैं वह एकदम सही है।
पिछले 10 वर्षों से कनाडा में
कादिरी पिछले 10 वर्षों से कनाडा में हैं। उनका जन्म पाक के झांग इलाके में हुआ है जो कि फैसलाबाद से बस थोड़ी ही दूरी पर है।
फरवरी 2012 में एक कार्यक्रम में लिया हिस्सा
डॉक्टर कादिरी फरवरी 2012 में दिल्ली आए थे। यहां पर उन्होंने अपनी ही लिखी हुई एक किताब 'फतवा ऑन टेररिज्म' को लांच किया। साथ ही उन्हें एक संस्था मिनहाज-उल-कुरान इंटरनेशनल की ओर से सूफी शिक्षाओं के बारे में लोगों को बताने के लिए आमंत्रित किया गया था।
कुछ लोगों को मजबूत कर रहा यह शब्द
जिस समय कादिरी भारत में थे उन्होंने कहा था कि उन्हें 'इस्लामिक टेरर' शब्द के प्रयोग पर सख्त आपत्ति है। उनका मानना है कि इस शब्द के प्रयोग के जरिए कुछ लोग सिर्फ कुछ ताकतों को और शक्तिशाली बना रहे हैं। साथ ही उन्होंने आतंकवादी और अपराध के खिलाफ नाराजगी भी जाहिर की।
इस्लाम पर दिया था लेक्चर
बताया जाता है कि जिस समय कादिरी भारत आए थे, उस समय वह गुजरात भी गए थे। जहां बड़ोदरा में उन्होंने इस्लाम पर एक लेक्चर दिया था।
हर बार मिला युवाओं का समर्थन
कादिरी ने वर्ष 2013 में कई बार पाक की संसद तक विरोध प्रदर्शन किया है।उन्हें अपने हर प्रदर्शन में युवाओं का काफी सहयोग मिला है।