चिड़ियाघर: नहीं हैं ये 8 इंतजाम तो आप भी शिकार हो सकते हैं बाघ के
नयी दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी के चिड़ियाघर में यूं तो बच्चों का शोर, लोगों की भीड़ दिखाई देती है, लेकिन ये शोर उस वक्त थम गया जब 20 साल के मकसूद को सफेद बाघ ने तड़पा-तड़पा कर मार डाला। अपने सामने मौत को देखकर मकसूद मिन्नते करता रहा, बाघ के सामने हाथ जोड़ता रहा, लेकिन बाघ तो बाघ है। उसके भीतर भावनाओं की कोई जगह नहीं होती।
चिड़ियाघर के भीरत रहे रहे बाघ को मानो शिकार करने का मौका मिल गया हो। जैसे ही मकसूद बाघ के बाड़े में गिरा बाघ ने उसे नोंच-नोंच कर मार डाला, भले ही चिड़ियाघर में हुआ पहला ऐसा मामला हो, लेकिन इस घटना ने चिड़ियाघर की सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए है। कुछ सवाल हम उठा रहे है, जो ये बता रहे है कि अगर वक्त रहते ये गलतियां सुधार ली जाती तो शायद किसी के घर का दीपक इस तरह नहीं बुझता।
सवाल नबंर 1
अंतराष्ट्रीय मानक के मुताबिक चिड़ियाघरों में बाघ के बाड़े से दर्शकों को दूर रखने के लिए एक खास जाली लगाई जाती है। जिसकी ऊंचाई 3 से 4 फूट होनी चाहिए, लेकिन दिल्ली के चिड़ियाघर में ऐसा प्रबंध नहीं किया गया है।
सवाल नबंर-2
चिड़ियाघर में बाघ के बाड़े के पास 18 से 20 फुट की ऊंची दीवार होती है। इस दीवार की ऊंचाई इतनी होना आवश्याक है क्योंकि बाघ 12 फुट तक की छलांग लगा सकता है। ऐसे में ऊंची दीवार उसे बार आने से रोकती है। दिल्ली के चिड़ियाघर में ऐसा नहीं है।
सवाल नबंर-3
बाघ के बाड़े और ऊंची दीवार के बीच 20 फुट ती खाई होती है जिसमें पानी भरा होना आवश्यक हैं, लेकिन दिल्ली के चिड़ियाघर में जिस वक्त ये हादसा हुआ उस वक्त इस खाई में पानी नहीं था। अगर पानी होता को मकसूद अपने आप को इस पानी में जाकर बचा पाता।
सवाल नबंर-4
दिल्ली के चिड़ियाघर में सफेद बाघ के बाड़े के पास प्रशासन का कार्यालय है, लेकिन इस कार्यालय में सुरक्षा के उपकरण और साधनों की कमी है।
सवाल नबंर-5
सफेद बाघ के बाड़े के पास सिर्फ एक गार्ड की तैनाती की गई है। ऐसे में घटना के वक्त अन्य जानवरों की देखभाल कर रहे गार्डों को मदद के लिए क्यों नहीं बुलाया गया।
सवाल नबंर-6
वन विभाग के नियम के मुताबिक चिड़ियाघरों को ये गाइडलाइन दी जाती है कि बाघ के बाड़े की दावीरें जालियों से ढ़ंकी होनी चाहिए, लेकिन दिल्ली की चिड़ियाघर में ये इंतजाम नहीं किए गए हैं।
सवाल नबंर-7
चिड़ियाघर में हजारों लोग घूमने आते है। ऐसे में लोग बाघ के बाड़े के नजदीक ना आएं इसके लिए इंतजाम क्यों नहीं किए गए हैं।
सवाल नबंर 8
बाड़े में गिरने के बाद युवक 2 घंटे तक बाघ के चंगुल में फंसा रहा। चिड़ियाघर प्रशासन उसे बाघ के चंगुस से नहीं निकाल पाई। ऐसे में सवाल ये कि लाठी फटकारने के ट्रैंक्विलाइजर गन का इस्तेमाल क्यों नहीं किया।