तिहाड़ का बैरक नं-3, यहां जज नहीं भूत करते है कैदियों का इंसाफ
नयी दिल्ली। दिल्ली का कड़कड़डूमा कोर्ट भूतों के साये से परेशान है। कोर्ट कैंपस में भूतों के साये की खबर ने यहां के जजों और वकीलों में आंतक भर दिया है। डर के साये में यहां काम हो रहा है, लेकिन दिल्ली की एक जगह ऐसी भी है जहां कैदियों का इंसाफ जज नहीं करते, जहां सजा कोर्ट में नहीं सुनाई जाती, जहां कैदियों को सजा ऑन स्पॉट दी जाती है। जी हां, दिल्ली के तिहाड़ जेल में भी कथित तौर पर भूतों का डेरा है।
ऐसा हम नहीं बल्कि वहां कैद कैदी कह रहे हैं। कैदियों का कहना है कि तिहाड़ जेल के बैरक नंबर-3 में कुछ ऐसी घॉनाएं होती है जिसे देखकर लगता है कि जेल में भूतों का डेरा है। दरअसल तिहाड़ जेल के बैरक नबंर तीन में ही फांसी का तख्ता है, जिस पर कई कैदियों को लटकाया जा चुका है। कैदियों का कहना है कि यहां किसी न किसी कैदी की आत्मा भटकती रहती है। हालांकि, भूतों की शिकायत करने वालों में अधिकतर दबंग कैदी हैं, जिन पर जेल में अन्य कैदियों को परेशान करने का आरोप लगता रहा है।
जेल में भूत का साया
तिहाड़ जेल में कैदियों को कभी तेज चीखने की आवाज सुनाई देती है तो कभी अन्य तरीकों से उन्हें डराया जाता है। कुछ दिन पहले तो भूत ने एक कैदी को पटक-पटककर मारा था।
तिहाड़ में भूतों का वास
तिहाड़ के कुछ अफसरों का मानना है कि तिहाड़ में भूतों का वास है। उनका मानना है कि यहां कुछ ऐसे कैदी भी आए जो मुलजिम नहीं थे और वक्त के मारे उन्हें जेल में आना पड़ा। यहां उन्हें दबंग कैदियों ने तरह-तरह से परेशान किया और अंत में उनमें से कई ने जेल के अंदर आत्महत्या कर ली।
कैदियों का मारते हैं
जेल के एक अफसर ने बताया कि तिहाड़ कैंपस में 10 जेल हैं। इनमें जेल नंबर-3 में ही फांसी का तख्ता है। इस जेल में ही अधिकतर खतरनाक आतंकवादी कैद किए जाते हैं।
कैदी भूत बनकर करते हैं परेशान
जेल अधिकारी के मुताबिक जिन-जिन कैदियों को यहां फांसी पर लटकाया गया है, उनमें से कुछ भूत बनकर परेशान करते हैं। भूतों की जितनी भी शिकायतें जेल अधिकारियों को मिली हैं, उनमें सबसे अधिक जेल नंबर-3 से ही आई हैं।
भूतों से कैसे मिले निजात?
कथित रूप से जेल में भटकने वाली आत्माओं यानी भूतों को शांत करने के लिए यहां पूजा-पाठ भी होते रहते हैं। इसके बावजूद कई कैदियों ने यह शिकायत की है कि उन्होंने भूत को देखा है।
नहीं होते है भूत
तिहाड़ के अफसरों ने भूत वाली स्टोरी को कोरी अफवाह करार दिया है। तिहाड़ के 2 पूर्व डीआईजी ने कहा कि उनके कार्यकाल में कभी भी किसी कैदी ने भूत देखने या परेशान करने की शिकायत नहीं की।