दिल्ली को नहीं भायी बंगाल की दीदी, अन्ना के साथ-साथ भीड़ भी नदारद
दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित तृणमूल कांग्रेस की रैली में ये बात खुलकर सामने आ गई कि चुनाव में टीएमसी का क्या होल होने वाला है। दिल्ली तो दिल्ली उनके सिपेसलाहकार बनें अन्ना हजारे ने भी उनका साथ छोड़ दिया। ममता को महान बताने वाले अन्ना हजारे भी रैली में नहीं पहुंचे। जो रैली अन्ना और ममता बनर्जी को मिलकर करनी थी उसे अकेले ही ममता को करना पड़ा। उम्मीद से भी कम पहुंची लोगों की भीड़ ने ममता का जोश खत्म कर दिया।
खाली कुर्सियों के बीच ममता अकेली मंच से लोगों को संबोधित करती रही। ममता ने कहा कि ये मेरी रैली नहीं बल्कि अन्ना हजारे जी की है। ममता ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस मिलकर देश को बेंच देगी। उन्होंने नरेंद्र मोदी के गुजरात मॉडल की आलोचना करते हुए कहा कि बीजेपी और कांग्रेस में सिंडिकेट है।
Did You Know: ममता ने राइटर्स बिल्डिंग में कदम न रखने की कसम 18 साल तक निभाई।
ममता ने सीपीएम पर उनकी हत्या करने का आोप लगाते हुए कहा कि सीपीएम ने कई बार मेरी हत्या करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि मैं जब तक लोगों के लिए काम करती रहूंगी।
गौरतलब है कि तय कार्यक्रम के मुताबिक सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी के साथ अरविंद केजरीवाल को उनके ही गढ़ में ललकारने वाले थे। लेकिन खराब सेहत की वजह से अन्ना रैली में नहीं पहुंच पाए। खबर आई कि अन्ना नाराज थे। टीएमसी नेता मुकुल रॉय अन्ना के मनाने महाराष्ट्र सदन भी पहुंचे, लेकिन उन्हें मना नहीं पाएं। सूत्रों की मानें तो अन्ना हजारे के नहीं आने के पीछे रैली में भीड़ की कमी बताई जा रही है।
Did You Know: ममता बनर्जी ने राइटर्स बिल्डिंग से 18 साल पहले जबरन निकाले जाने के बाद ममता ने कसम खाई थी कि वह कभी इस इमारत में कदम नहीं रखेगी और ममता ने वह कसम 18 साल तक निभायी और 20 मई 2011 को बतौर मुख्यमंत्री इस इमारत में प्रवेश किया।