केजरीवाल को नहीं मिल रहा किराये पर मकान, जिसने दिया उसे कोर्ट ने थमाई नोटिस
वीरेंद्र की याचिका में यह दलील दी गई है कि सिविल लाइन्स के फ्लैग रोड स्थित 4-बी विवादित संपत्ति है और उन्हें सूचित किए बिना यह केजरीवाल को दे दी गई। न्यायमूर्ति वीके शाली ने नरेन जैन को नोटिस जारी करते हुए मामले की सुनवाई 21 अगस्त को करने का फैसला किया है। इस बीच, केजरीवाल ने कानूनी पेचीदिगियों की वजह से सिविल लाइन्स के मकान में न रहने का फैसला किया है। वीरेंद्र के वकील गिरीश अग्रवाल ने न्यायालय को दो फरवरी 2011 को बताया था कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस विवादित संपत्ति मामले के निपटारे तक किसी तीसरे शख्स की संलिप्तता न होने के आदेश दिए थे।
यह मामला अभी भी न्यायालय में लंबित है। याचिकाकर्ता ने न्यायालय को बताया कि उल्लंघन की जानकारी समाचार पत्र, टेलीविजन चैनल और केजरीवाल के नरेन को एक रुपये मासिक किराया लेने को लेकर ट्विट से किए गए धन्यवाद से जाहिर हुई, जहां इसके नवीनीकरण का काम शुरू कर दिया गया था और वीरेंद्र के मना करने के बावजूद इस पर रोक नहीं लगाई गई। इसके बाद नरेन ने कहा कि केजरीवाल उनके अतिथि हैं किरायेदार नहीं, लेकिन वीरेंद्र ने इस दावे को खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा कि यह समझ के बाहर है कि तथाकथित अतिथि मेजबान की संपत्ति पर 20 से 25 लाख रुपये इस वादे के साथ खर्च कर रहा है कि वह इसे एक साल के अंदर छोड़ देगा। न्यायालय से पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ सुनवाई का अनुरोध करते हुए उन्होंने कहा कि यह पाया गया है कि केजरीवाल न्यायालय की सुनवाई और आदेश से अवगत थे, इसलिए उन्हें भी सुनवाई में शामिल करना चाहिए और उनके खिलाफ उचित आदेश दिए जाने चाहिए। याचिकाकर्ता ने नरेन के खिलाफ उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करने को लेकर कार्रवाई करने की मांग भी की है। (आईएएनएस)