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Alert: आतंकी सरगनाओं के निशाने पर है जुलाई में भारत

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अनिल कुमार. बम फटता है, किसी मां का लाल छिन जाता, किसी बाप का बेटी को डोली में बैठाने का सपना अधूरा रह जाता है, कई के कंधों से मां-बाप का हाथ हमेशा के लिए हट जाता है। कुछ ऐसा ही दर्द और बिलखना लेकर आता है जुलाई महीना भारत के लिए। जुलाई महीना एक ऐसा महीना बन गया जब भारत पर दुनियां के बड़े आतंकी सरगनाओं की नजरे टिकी होती हैं। दर्जन भर चेतावनियां व कान के पर्दे फाड़ देने वाले बम ब्लास्ट इसी महीने हुए हैं। उल्लेखनीय है कि देश में अभी तक जब भी आतंकियों ने बम ब्लास्ट किया है उसमें से सबसे ज्यादा निशाना जुलाई महीने में ही बनाया गया है। इन बम ब्लास्टों में सैंकड़ों लोगों मारे गए। यह ऐसे बम ब्लास्ट बने जिन्होंने कई परिवार को इतना दिमाग से लेकर दिल तक इतना हिला कर रख दिया कि इसमें से कई परिवार अपने परिवार के सदस्यों के खोने के गम से आज भी नहीं उबर पाए हैं।

जुलाई में माह इतने ब्लास्ट हुए हैं

जलाई महीना भारत के लिए शुभ है या अशुभ यह तो नहीं कहा जा सकता। लेकिन इस महीने में हुए सबसे ज्यादा बम विस्फोटों ने देश की सुरक्षा एजंसियों के इंतजामों की पोल जमकर खोली है। साथ ही इस बात का खुलासा भी अपने आप हुआ है कि जुलाई माह में दर्ज बम ब्लास्टों को देखते हुए भी देश के सुरक्षा से जुड़े मंत्रालयों में बैठे मंत्री व अधिकारी हाथ पे हाथ धरे बैठे रहते हैं और आतंकी अपना काम बड़ी आसानी से कर जाते हैं। गौरतलब है कि जुलाई में माह में अब तक आठ बम ब्लास्ट हुए हैं। जिसमें सैंकड़ों बेगुनाह लोगों ने अपनी जान गंवाई है।

यह सवाल सुरक्षा इतंजामों पर

बम ब्लास्ट होने के बाद सुरक्षा एजिसयां हाई अलर्ट जारी करती हैं। सवाल यह उठता है कि बम ब्लास्ट होने से पहले हाई अलर्ट जारी कर मुस्तैदी से सुरक्षा इंतजाम क्यों नहीं किए जाते हैं। इस बार गनिमत तो यह है कि दस जुलाई को महाराष्ट्र में हुए पुणे के एक थाने पास विस्फोट में कोई मरा नहीं है। लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं हो सकता कि आतंकियों ने हार मान ली है।

हर बार एक ही अंदेशा

हैरतअंगेज बात है कि ब्लास्ट होने के बाद सुरक्षा एजंसियां एकदम से एक इंडियन मुजाहिद्दीन का नाम लेती हैं कि इस तरह के समूह का ही आतंकी हमले में हाथ हो सकता है। लेकिन यह कभी नहीं देखा गया कि अपने देश में बैठे आतंकियों को शह देने वाले आका कहां छिपे बैठे हैं। यह भी पता लगाया गया हो।

अब तक यह हुए हैं ब्लास्ट

13 जुलाई, सन 2011, मुंबई सीरियल बम ब्लास्ट
11 जुलाई, सन 2006, मुंबई ट्रेन ब्लास्ट
7 जुलाई, सन 2013, बोधगया ब्लास्ट
28 जुलाई, सन 2003, मुंबई बस ब्लास्ट
28 जुलाई, सन 2005, ट्रेन क्रेश (ब्लास्ट) जौनपुर
25 जुलाई, सन 2008, बैंगलोर सीरियल ब्लास्ट
26 जुलाई, सन 2008, अहमदाबाद ब्लास्ट
10 जुलाई, सन 2014, पुणे ब्लास्ट

Comments
English summary
Terrorists' masters' eyes are on, mostly in July month to attack in India.
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