झुकने को तैयार नहीं शिवसेना, चुनावों में भुगत सकते हैं नुकसान, फेसबुक पर भी आलोचनाएं
शिवसेना ने मुखपत्र 'सामना' में लिखा है कि इस तानाशाही के खिलाफ आवाज बुलंद करना अपराध है तो हमारे लोगों ने यह अपराध किया है। इसके बाद यह तो साफ हो गया है कि कल तक पूरे मामले पर सफाई देती फिर रही शिवसेना अब खुलकर अपने सांसदों के बचाव में आ गई है।
क्या फर्क पड़ेगा इस गुस्ताखी का
शिवसेना के सांसदो की गुस्ताखी का इस पर राजनीतिक रूप से बड़ा असर पड़ेगा। इससे यह भी हो सकता है कि शिवसेना के साथ भाजपा अपने सम्बन्ध बिलकुल खत्म कर दे। और यह मामला भाजका के लिए गठबंधन तोड़ने का बहाना बन जाए। वहीं एक मुस्लिम कर्मी रोजेदार को जबरन रोटी खिलाने से एक तबके में यह संदेश गया है कि शिवसेना की अगर सरकार बनी तो धार्मिक भेदभाव बढ़ सकता है।
सोश्यल मीडिया पर आलोचना
शिवसेना के सांसदों की ओर से किए धरे की फेसबुक पर जमकर आलोचना हो रही है। आलोचक, पत्रकार औऱ युवा जमकर इसकी आलोचना कर रहे हैं। जनसत्ता के सम्पादक ने कुछ इस तरह आलोचना की है, जिस पर आ रही लोगों की राय में भी आलोचनाओं की भरमार है।-