'एनसीपी-शिवसेना' संयोग तो हाथ मलेंगी भाजपा-कांग्रेस
मुंबई। चार राज्यों में विधानसभा चुनाव भले होने वाले हैं लेकिन महाराष्ट्र तो 'रण' क्षेत्र बन गया है। भाजपा-शिवसेना से लेकर सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस-एनसीपी महाराष्ट्र चुनाव जीतने को अपने नाक का सवाल मान रहे हैं। तभी तो एक तरफ शिवसेना-भाजपा में सीटों के बंटवारे पर युद्ध हो रहा है तो राज्य की सत्ता पर काबिज कांग्रेस-एनसीपी में फसाद की जड़ यही सीटों का बंटवारा है। इसी बीच गठबंधन में दरार पड़ना लाजमी है, ऐसी प्रष्ठभूमि उभर रही है कि न जाने कौन सी पार्टी किस पार्टी से हाथ मिला ले।
थोड़े दिन पहले तक यह सिर्फ एक आशंका थी। लेकिन कांग्रेस की एनसीपी के एक मंत्री की ओर से अचानक शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के लिए तारीफों के पुल बांध देना इसकी ओर इशारा है कि अगर कांग्रेस से गठबंधन टूटने पर एनसीपी अपना विकल्प शिवसेना में तलाश रही है। तभी तो राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मंत्री छगन भुजबल ने कहा है कि उद्धव ठाकरे शांत स्वभाव रखने वाले ऐसे नेता ही नहीं बल्कि एक रणनीतिकार भी हैं।
क्यों की तारीफ
छगन भुजबल ने अपना राजनीतिक करियर शिवसेना के साथ ही शुरू किया था। इन्होंने शिवसेना 1991 में छोड़ दी थी। यह वजह है कि छगन भुजबल के जरिए एनसीपी आला नेता अपने नए विकल्प के तौर पर नई संभावनाएं तलाशना चाहते हैं। अगर कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना-भाजपा में चुनाव नतीजों के बाद या चुनाव से पहले गठबंधन टूटने जैसी स्थिति बनती है तो यह मुमकिन है कि छगन भुजबल के जरिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सीधे शिवसेना से गठबंधन कर सत्ता पर काबिज हो सकती है।