6000 करोड़ की बिजली चोरी रोकने में नाकाम यूपी सरकार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बिजली कटौती की समस्या से लाखों परिवार जूझ रहें है। प्रदेश के मुख्यमंत्री बिजली की समस्या की ठीकरा केंद्र सरकार के सर फोडते हैं लेकिन हकीकत कुछ और है। प्रदेश में बिजली आपूर्ती समस्या नहीं है बल्कि हर साल हजारों करोड़ की होनी वाली बिजली चोरी है। प्रदेश में होने वाली बिजली चोरी पर नजर डाले तो यह तकरीबन 6000 करोड़ से 8000 करोड़ रुपए है।
लखनऊ में एक कार्यक्रम में बोलते हुए उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि अगर बिजली चोरी व लाइन हानियों पर नियंत्रण पाया जाए तो प्रदेश की बिजली की समस्या हल हो सकती है। साथ ही प्रदेश सरकार को बिजली के दामों में वृद्धि करने की भी आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी बिजली चोरी को बड़ी समस्या बताया साथ इस पर कम करने का भी आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश की अपेक्षा दूसरे राज्यों में बिजली की दरें ज्यादा है। वहीं नियामक आयोग के अध्यक्ष देश दीपक वर्मा ने भी बिजली चोरी को बड़ी समस्या बताते हुए कहा कि प्रदेश में बिजली की कमी लगभग 30 प्रतिशत है ऐसे में बिजली चोरी पर अंकुश लागाकर प्रदेश की जनता को बिजली दरों व बिजली संकट से राहत दी जा सकती है।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि साल भर में 6000 से लेकर 8000 करोड की बिजली चोरी होती है । ऐसे में यदि इस पर अंकुश लगा लिया जाये तो बिजली दरों में बढोत्तरी की कोई आवश्यकता नही होगी।