वाह रे अखिलेश! खाद्यान घोटाले में फंसे राजा भैया को सौंप दिया खाद्य एवं रसद विभाग
इससे पहले यह विभाग राजेंद्र चौधरी के पास था, लेकिन अब उनके पास सिर्फ जेल एवं कारागार विभाग ही रहेगा। मालूम हो कि इसी विभाग में हुए घोटालों के आरोप में राजा भैया पहले से घिरे हैं। इतना ही नहीं राजा भैया को ये विभाग तीसरी बार दिया गया है। सीबीआई, उप्र पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा और खाद्य प्रकोष्ठ इस विभाग में हुए घोटाले की जांच कर रहे हैं। इसकी निगरानी को लेकर सोमवार को हाई कोर्ट में सुनवाई तय है।
घोटाले की जिक्र करें तो 2005 में रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया खाद्य एवं रसद मंत्री रहने के दौरान गरीबों के अनाज को खाद्यान्न माफिया ने बाग्लादेश ले जाकर बेंच डाला था। इस घोटाले की जांच के लिए कांग्रेस नेता रहे विश्वनाथ चतुर्वेदी ने अदालत में दरवाजा खटखटाया था। हालांकि इन सबके बावजूद राजा भैया को इसी विभाग के मंत्री बनाये जाने के पीछे राजनीतिक कारण है। मुजफ्फरनगर हिंसा के बाद दो राजपूत विधायकों पर रासुका लगाने और ठाकुर चौबीसी के खेड़ा गांव में महापंचायत पर फायरिंग-लाठीचार्ज के बाद क्षत्रियों की नाराजगी को देखते हुए राजा भैया को सरकार में शामिल किए जाने की चर्चाएं और तेज हो गईं थी।