बेहाल सरकारी अस्पताल, जानवरों के इंजेक्शन से चल रहा है इंसानों का ईलाज
जोधपुर के मथुरा दास माथुर (एमडीएच) अस्पताल में मरीजों को मेरोपेनेम ऐंटिबायॉटिक दी गई, जिसका इस्तेमाल सिर्फ पशुओं के लिए किया जाता है। एक के बाद एक कर 300 मरीजों को इंजेक्शन लगा दिया गया। हैरानी की बात यह है कि ऐसा तब हुआ जबकि दवाओं पर 'यह मानव इस्तेमाल के लिए नहीं है' लिखा हुआ था। सब कुछ चलता रहा। किसी ने कोई शिकायत तक नहीं की।
बाद में एक मरीज के पूछने पर मामला सामने आया। गड़बड़ी का पता चलते ही सब से हाथ-पांव फूलने लगे, लेकिन डॉक्टर अपनी गलती को मानने को तैयार नहीं थे। एमडीएच के प्रशासनिक प्रमुख दीपक वर्मा ने कहा है कि यह गलत लेबलिंग का भी मामला हो सकता है। उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि बताया कि अस्पताल ने बाजार से मेरोपेनेम के 1000 इंजेक्शन खरीदे थे। इनमें से करीब 300 इंजेक्शन दिए जा चुके हैं।
बाकी इंजेक्शन अस्पताल प्रशासन के पास हैं। मामला मीडिया में आने के बाद जांच के लिए 4 सदस्यी टीम का गठन किया गया है, जिसे एक हफ्ते की भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया हैं। इस मामले में स्वास्थ्य राज्य मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने ड्रग स्टोर के फार्मासिस्ट और एक स्टोरकीपर को निलंबित कर दिया है।