क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

पिता को मिलते थे बीयर पीने के पैसे, तब चलता था शेक्‍सपीयर का घर

Google Oneindia News

ऐसा कौन होगा जिसे विलियम शेक्‍सपीयर के बारे में न मालूम हो। जूलियस सीजर, मैक्‍बेथ, हैमलेट, ओथैलो, रोमियो जूलियट, कॉमेडी ऑफ एर्रर्स, एज यू लाइक इट और न जाने कितने ही थियेटर प्‍ले, सॉनेट्स को लिखने वाले

शेक्‍सपीयर ही हैं। न सिर्फ इंग्लिश लिट्रेचर बल्कि दुनिया के लिट्रेचर में शेक्‍सपीयर का योगदान बहुत ज्‍यादा है। आज शेक्‍सपीयर की 450वीं जयंती है और इस मौके पर न केवल स्‍टैनफोर्ड बल्कि दुनिया के कई हिस्‍सों में उनसे जुड़े कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

विलियम शेक्‍सपीयर का जन्‍म 23 अप्रैल 1564 को स्‍टैनफोर्ड में ही हुआ था। वह सिर्फ 52 वर्ष की आयु तक ही जिंदा रहे लेकिन इतने कम समय में भी उन्‍होंने न सिर्फ इंग्लिश लिट्रेचर बल्कि वर्ल्‍ड लिट्रेचर को ऐसे नायाब तोहफों से नवाजा कि आज भी दुनिया उन्‍हें याद करती है।

अगर शेक्‍सपीयर के प्‍ले और उनकी लिखे सॉनेट्स आज लोकप्रिय हैं तो वहीं उनके जुड़ी कुछ ऐसी जानकारियां भी हैं जिसके बारे में लोगों को ज्‍यादा नहीं मालूम है। इंग्लिश लिट्रेचर के अलावा दूसरी भाषाओं के विद्वान भी आज भाषा के लिए शेक्‍सपीयर के योगदान को कम नहीं आंकते हैं।

दुनिया को हजारों शब्‍द देने वाले शेक्‍सपीयर की दिवानगी न सिर्फ यूके बल्कि भारत तक फैली हुई है। आज उनके 450वें जन्‍मदिन के मौके पर जानिए शेक्‍सपीयर से जुड़ी कुछ ऐसी बातों के बारे में जिन्‍हें आपने शायद ही कभी पहले सुना होगा।

शेक्‍सपीयर का एक और नाम

शेक्‍सपीयर का एक और नाम

विलियम शेक्‍सपीयर को बार्ड ऑफ एवॉन नाम से भी जाना जाता है। बार्ड का मतलब हिंदी में कवि होता है।

शब्‍दों का जादूगर

शब्‍दों का जादूगर

फिलहाल ऐसा कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है कि विलियम शेक्‍सपीयर ने कितने नए शब्‍दों को ईजाद किया लेकिन फिर भी विद्वानों का अनुमान है कि शेक्‍सपीयर ने अंग्रेजी, ग्रीक, लैटिन और मॉर्डर्न रोमांस लैंग्‍वेज को 30,000 नए शब्‍दों से नवाजा है।

मैकबेथ में आया था पहली बार

मैकबेथ में आया था पहली बार

ऐसा माना जाता है कि एसेसीनेशन शब्‍द का आविष्‍कार शेक्‍सपीयर ने ही किया था। इस शब्‍द को पहली बार उन्‍होंने अपने प्‍ले मैकबेथ में प्रयोग किया था। हालांकि पंडितों की मानें तो शेक्‍सपीयर ने यह शब्‍द अरबी भाषा के एक शब्‍द के प्रभाव से ईजाद किया था।

पिता को बीयर पीने के मिलते थे पैसे

पिता को बीयर पीने के मिलते थे पैसे

विलियम शेक्‍सपीयर के पिता जॉन शेक्‍सपीयर जब कर्ज तले दब गए तो उन्‍होंने कई तरह के काम किए। यहां तक कि एक बार उन्‍हें बीयर पीने के एवज में पैसे दिए गए थे।

बच्‍चे भी अनपढ़

बच्‍चे भी अनपढ़

विलियम शेक्‍सपीयर के माता-पिता दोनों को ही बिल्‍कुल भी पढ़ना भी नहीं आता था और यहां तक कि उनके बच्‍चे भी ज्‍यादा पढ़े लिखे नहीं थे। शेक्‍सपीयर के पास जो कुछ भी ज्ञान था वह इस वजह से क्‍योंकि उन्‍होंने एक स्‍थानीय ग्रामर स्‍कूल में थोड़ी पढ़ाई की थी।

 आठ वर्ष बड़ी लड़की

आठ वर्ष बड़ी लड़की

शेक्‍सपीयर की उम्र 18 वर्ष थी जब उन्‍होंने 26 वर्ष की एना हैथवे के साथ शादी की थी। जिस समय उनकी शादी हुई थी उस समय एना तीन माह की गर्भवती थीं।

ग्‍लोब थियेटर में होते थे शो

ग्‍लोब थियेटर में होते थे शो

आज लंदन का ग्‍लोब थियेटर पूरी दुनिया में अपनी एक नई पहचान कायम कर चुका है। लेकिन इसका निर्माण खुद शेक्‍सपीयर ने वर्ष 1599 में कराया था।

शेक्‍सपीयर या शैक्‍स

शेक्‍सपीयर या शैक्‍स

विलियम शेक्‍सपीयर का नाम कभी भी ठीक तरीके से न तो लिखा गया और न ही उनके नाम को ठीक से उच्‍चारित किया गया। यहां तक कि शेक्‍सपीयर भी अपना नाम ठीक से नहीं उच्‍चारित कर पाते थे। सूत्रों की मानें तो शेक्‍सपीयर के नाम को 80 विभिन्‍न तरीकों से उच्‍चारित किया गया था।

450 साल बाद भी कायम जलवा

450 साल बाद भी कायम जलवा

विलियम शेक्‍सपीयर जिस युग में थे उस समय शायद ही किसी ने मोबाइल, टेलीफोन या फिर इंटरनेट की कल्‍पना कभी की होगी। आज गूगल पर शेक्‍सपीयर के लिए 157 मिलियन पेज शेक्‍सपीयर के लिए हैं। 132 मिलियन पेज गॉड यानी ईश्‍वर के नाम पर 2.7 मिलियन पेज एल्विस प्रेस्‍ले और 14.7 मिलियन पेज जॉर्ज डब्‍लू बुश के नाम पर हैं।

प्‍ले का ट्रैजिक 'द एंड'

प्‍ले का ट्रैजिक 'द एंड'

एक दौर ऐसा भी था जब विलियम शेक्‍सपीयर के लिखे हुए स्‍टेज प्‍ले में आत्‍महत्‍या को एक अहम मुकाम मिलने लगा था। रोमियो और जूलियट से इसकी शुरुआत हुई थी जहां पर प्‍ले के लीड कैरेक्‍टर्स आत्‍महत्‍या कर लेते हैं और फिर उन्‍होंने 13 बार अपने किरदारों को इसी तरह के 'द एंड' से नवाजा था।

शेक्‍सपीयर की दो जिंदगियां

शेक्‍सपीयर की दो जिंदगियां

विलियम शेक्‍सपीयर 17वीं सदी तक लंदन के एक मशहूर प्‍लेराइट बन चुके थे लेकिन उनका परिवार स्‍टैनफोर्ड में ही रहता था। स्‍टैनफोर्ड के लोग उन्‍हें हमेशा एक मशहूर बिजनेसमैन और अमीर व्‍यक्ति के तौर पर जानते थे।

 चाय और कॉफी से अनजान शेक्‍सपीयर

चाय और कॉफी से अनजान शेक्‍सपीयर

विलियम शेक्‍सपीयर ने कभी चाय या कॉफी का स्‍वाद नहीं चखा। शेक्‍सपीयर की मृत्‍यु सन 1616 में हो गई थी और बताते हैं कि यूके में चाय या कॉफी इसके बाद अस्तित्‍व में आई थी।

हर कहीं बस शेक्‍सपीयर

हर कहीं बस शेक्‍सपीयर

अंग्रेजी भाषा के विद्वान बाइबिल के बाद शेक्‍सपीयर का जिक्र सबसे ज्‍यादा करते हैं। वह कभी शेक्‍सपीयर के किसी प्‍ले में लिखी किसी बात का जिक्र अपनी बात में करते हैं तो कभी उनके सॉनेट में लिखी किसी बात को कोट करते हैं।

अंगूर से हुई शुरुआत

अंगूर से हुई शुरुआत

भारत में वर्ष 1982 में रिलीज हुई कॉमेडी फिल्‍म 'अंगूर' शेक्‍सपीयर के कॉमेडी प्‍ले 'कॉमेडी ऑफ एर्रर्स' पर आधारित थी। आज भी कई ऐसी फिल्‍में हैं जो कभी शेक्‍सपीयर के प्‍ले मैकबेथ तो कभी ओथैलो से प्रभावित होती हैं।

Comments
English summary
World celebrating William Shakespeare's 450th Birthday.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X