अमेरिकी सांसदों ने की मोदी के भाषण सुनने की मांग
प्रतिनिधि सभा में विदेश मामलों की समिति के रिपब्लिकन अध्यक्ष एड रोएस ने सदन के अध्यक्ष जॉन बोएनर को पत्र लिखकर मोदी को सितंबर में उनकी अमेरिका यात्रा के दौरान उन्हें प्रतिनिधि सभा तथा सीनेट के संयुक्त सत्र को संबोधित करने के लिए आमंत्रित करने का सुझाव दिया है।
पत्र के मुताबिक, "जैसा कि आप जानते हैं, भारत अमेरिका का महत्वपूर्ण साझीदार है। हर स्तर पर चाहे राजनीतिक, आर्थिक या सुरक्षा संबंध हो अमेरिका का दक्षिण एशिया में इतना महत्वपूर्ण साझीदार कोई नहीं है।" इस पत्र पर नार्थ कैरोलीना के रिपब्लिकन प्रतिनिधि जार्ज होल्डिंग ने भी हस्ताक्षर किए हैं।
पत्र के अनुसार, "यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि अमेरिका-भारत संबंध 21 सदी की निर्धारक साझीदारी होगी। भारत के हालिया चुनाव में 50 करोड़ से अधिक लोगों ने मतदान किया है, यह विश्व की सबसे बड़ा लोकतांत्रिक घटना और भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण था।"
पत्र में कहा गया है कि अमेरिका को दोनों देशों के महत्वपूर्ण रिश्ते को मजबूती देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के साथ और घनिष्ठता से काम करना होगा। हालांकि, अध्यक्ष के कार्यालय से इस पत्र का कोई जवाब नहीं आया है, लेकिन माना जा रहा है कि मोदी को संयुक्त सत्र संबोधित करने का मौका मिल सकता है।
बुश प्रशासन ने 2002 गुजरात दंगे के कथित आरोप को देखते हुए 2005 में मोदी के पर्यटन व काम के सिलसिले में अमेरिका आने पर प्रतिबंध लगा दिया था। चुनाव के दौरान मोदी के करीब जाने में अमेरिका ने भले देरी की हो, लेकिन उनकी जीत के बाद अमेरिका ने बिना देरी करते हुए उन्हें बधाई दी और उन्हें वाशिंगटन आने का न्योता दिया। मोदी ने निमंत्रण स्वीकार लिया, हालांकि उनके अमेरिका दौरे की अभी तारीख तय नहीं हुई है। मोदी के पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह ने 2005 में अमेरिका दौरे पर कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित किया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।