तीन साल में दो लाख मौतें और 'घोस्ट टाउन' में तब्दील हुआ सीरिया
संयुक्त राष्ट्रसंघ। सीरिया में मार्च 2011 में शुरू हुए संघर्ष के बाद अप्रैल 2014 के बीच एक लाख 91 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई है।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयुक्त नवी पिल्लै ने सीरिया संघर्ष में मरने वालों के आंकड़े जारी करते हुए इस पर दुख जताया कि दुनियाभर में संघर्ष की विभिन्न वारदातों के कारण इस तरफ काम ध्यान दिया गया।
पिछले दिनों जब अमेरिकी पत्रकार जेम्स राइट फॉले की मौत की खबर आई तो सीरिया फिर से चर्चा में आ गया। जेम्स सीरिया वहां के हालातों को कवर करने आए थे और वर्ष 2012 से ही गायब थे।
पेश हैं सीरिया की कुछ तस्वीरें जिनसे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कभी अरब सल्तनत की बादशाहत साबित करने वाला सीरिया कैसे अब बस एक भुतहा देश बनकर रह गया है।
किसी को नहीं परवाह
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफेन दुजैरिक ने कहा, ''मानवाधिकार कार्यालय की ओर से सीरिया संघर्ष में मरने वालों के जो आंकड़े जारी किए गए हैं, उनमें एक साल में दोगुनी वृद्धि हुई है। पिल्लै ने इस पर दुख जताते हुए कहा कि दुनियाभर में संघर्ष की अन्य वारदातों के कारण सीरिया संघर्ष के पीडिम्तों की ओर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान नहीं गया।''
ज्यादातर पुरुषों की मौत
सीरिया में संघर्ष के दौरान जान गंवाने वालों में अधिकतर पुरुष हैं, जबकि 9.3 प्रतिशत महिलाएं भी शामिल हैं। मरने वालों में 8,803 नाबालिग हैं, जिनमें से 2,165 बच्चों की उम्र 10 साल से कम है।
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इतिहास बनता सीरिया
सीरिया के कई शहर जैसे एलेप्पो, होम्स और दमिश्क जिनका अपना एक सुनहरा इतिहास रहा है, अब खुद इतिहास में तब्दील हो गए हैं।
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तीन साल में क्या से क्या हो गया
सीरिया का शहर होम्स जो रोमन संस्कृति को खुद में समेटने वाला था, जरा उसका हाल इस ट्वीट के जरिए देखिए।
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सेना और विद्रोहियों में जंग
सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल असद के खिलाफ शुरू हुई मुहिम अभी तक जारी है। विद्रोहियों का कहना है कि वह उन्हें हटाकर ही दम लेंगे।
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बराक ओबामा का संकेत
इराक में पकड़ बनाता आतंकी ग्रुप आइएसआइएस अब सीरिया में प्रभावशाली हो चुका है। उम्मीद की जा रही है कि अब अमेरिका सीरिया पर हमला करने की तैयारी में है।