दो प्रतिशत कैथोलिक पादरी करते हैं बाल यौन शोषण : पोप
दो प्रतिशत यानि 4,14,000 कैथोलिक पादरियों में से 8000 में बाल यौन शोषण की प्रवृत्ति अधिक होती है। पोप के अनुसार, इसका कारण पादरियों का अविवाहित होना है।
पोप ने कहा कि यह एक कुष्ठरोग जैसा है, जिसकी गिरफ्त में पादरी से लेकर बिशप और कार्डिनल भी हैं। उनके अनुसार बाल यौन हिंसा एक बड़ी समस्या है और इसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने पादरियों की शादी का जिक्र करते हुए कहा कि बढ़ती बाल यौन हिंसा को रोकने के लिए पादरियों को शादी करने की मंजूरी दी जानी चाहिए। साथ ही शादीशुदा पादरियों के लिए भी चर्च के दरवाजे खुलने चाहिए। उन्होंने कहा कि इस प्रथा को बदलना आसान नहीं हैं, लेकिन इस दिशा में कोशिश जरूर की जा सकती है।
पोप फ्रांसिस ने एक इंटरव्यू में कहा कि बाल यौन हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है और इसे रोकने की दिशा में कारगर कदम उठाये जाने की जरूरत है। बीते साल पोप फ्रांसिस ने बाल यौन शोषण को लेकर वेटिकन के कानूनों को सख्त कर दिया था। साथ ही उन्होंने उन पीड़ितों से माफी मांगी थी, जिनका पादरियों ने यौन शोषण किया है।
आसाराम भी हैं पीडोफाइल
गौरतलब है कि भारत के जाने माने विवादित आध्यात्मिक गुरू आसाराम भी अपने आश्रम में छोटी उम्र की लड़िकयों के साथ यौन शोषण करने के आरोपी हैं। जिस मामले में उनके वकील ने सफाई पेश की था आसाराम और उनके बेटे नारायण साईं पीडोफाइल नामक प्रवृत्ति से ग्रसित हैं। आसाराम अभी जोधपुर के जेल में कैद हैं।