देवयानी खोब्रागडे के बाद अमेरिका के लिये दूसरी मुश्किल होंगे नरेन्द्र मोदी: टाइम मैगजीन
पत्रिका के माइकल क्राउली ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि वीजा फ्रॉड मामले में अमेरिका में मुकदमे का सामना कर रही देवयानी राजनयिक छूट की वजह से भारत लौट गई हैं। टाइम ने कहा 'मगर यह आशा नहीं की जानी चाहिए कि रिश्ते जल्द ही सामान्य हो जाएंगे। हो सकता है हालात और खराब हो जाएं क्योंकि एक और प्रमुख भारतीय शख्सियत वीजा विवाद मामले से जुड़ा हुआ है।
माइकल क्राउली ने लिखा है कि लोकसभा चुनावों में भाजपा के जीतने की प्रबल संभावना है। ऐसा होता है, तो नरेंद्र मोदी भारत के अगले प्रधानमंत्री होंगे। वर्ष 2002 के दंगों में उनकी कथित भूमिका के कारण अमेरिका उन्हें वीजा नहीं दे रहा है। मोदी के आलोचकों का कहना है कि उन्होंने दंगो के दौरान हिंसा को बढ़ावा दिया। हालांकि, मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इन आरोपों को खारिज कर दिया। क्राउली कहते हैं कि अमेरिकी विदेश विभाग ने 2005 में अमेरिकी कानून के तहत मोदी को वीजा देने से मना कर दिया था।
उन्होंने कहा है,जब मोदी किसी राष्ट्रीय स्तर की भूमिका में थे, तब यह प्रतिबंध अप्रासंगिक था। लेकिन क्या अमेरिका भारत के शासनाध्यक्ष को काली सूची में डाल सकता है। अमेरिका के नीतिनिर्माता इस मुद्दे पर बंटे हुए हैं। क्राउले ने कहा,इन वर्षो के दौरान अमेरिका ने भारत से कम मित्रवत देशों के घृणित नेताओं के साथ संबंध बनाया है। मोदी को वीजा न देकर अमेरिकी सरकार ने मोदी व गुजरात हिंसा पर अपना रूख स्पष्ट कर दिया है। इसके साथ ही वह कहते हैं कि दोनों देशों के लिए यह जरूरी है कि वह मोदी के अतीत की वजह से पीछे न जाएं।