क्योटो की एक यात्राः जानिए वज़ीरे-आज़म जापान में बौद्ध मंदिर क्यों गए
जापान। भारत हमेशा से ही विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों का देश रहा है। देश में रहने वाले विभिन्न समुदाय अलग-अलग धर्मों का मानते हैं। ऐसे में अगर किसी देश का मुखिया किसी अन्य देश जाता है तो उसके कई मायने होते हैं। देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अभी जापान यात्रा पर हैं।
याद रहे, जापान वही देश है जिसने देश में मेट्रो जैसे बड़े प्रोजेक्ट के लिए बड़ी आर्थिक सहायता देश को दी थी। आज वही समय है जब नरेंद्र मोदी सरकार को देश में जापान जैसी बुलेट ट्रेन के लिए भारी भरकम रकम की जरूरत है।
ऐसे में किसी अन्य देश को यह जता देना कि भारत का मुखिया अन्य धर्म के दर्शन में भी रुचि रखता है तो यह एक रणनीतिक कदम के साथ ही दोस्ती के इरादे को पक्के तौर पर झलकाना भी हो सकता है।
विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने ट्विटर पर लिखा कि मोदी और अबे ने तोजी मंदिर के दर्शन के दौरान भारत-जापान की प्राचीन सभ्यताओं के बारे में बातें की। तोजी मंदिर यूनेस्को की विश्व विरासतों की सूची में शामिल है। नरेंद्र मोदी अपने जापान दौरे के दौरान बौद्ध मंदिर क्यों गए। इसका सीधा सा उत्तर है कि भारत विभिन्न धर्म संस्कृतियों का देश है। ऐसे में अगर प्रधानमंत्री ने धर्म को लेकर किसी बाहरी देश में भी विश्वास व्यक्त किया है तो इससे दूसरे देश का विश्वास भारत के साथ और भी मजबूत ही होगा।
भारतीय प्रधानमंत्री ने क्योटो में 1397 ईस्वी में निर्मित किनकाकु मंदिर के भी दर्शन किए।
दोनों ही जगहों पर मोदी ने उपस्थित लोगों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया, जिनमें भारतीय और जापानी नागरिक शामिल थे। कुछ लोग मोदी को देखने के लिए यहां पहुंचे थे।
इनपुटः इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।