तो इस बार सिर्फ 20 मिनट तक ही बोलेंगे नरेंद्र मोदी
न्यूयॉर्क। बस कुछ ही मिनटों बाद यूएनजीए में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण शुरू हो जाएगा। सभी की नजरें मोदी के इस भाषण पर टिकी हुई हैं।
सभी जानना चाहते हैं कि जब नरेंद्र मोदी पहली बार यूएनजीए में अपना भाषण देने आएंगे तो क्या वह शुक्रवार का नवाज शरीफ के दिए हुए भाषण का जवाब देंगे? यह सवाल तो उनके भाषण के बाद ही पता लगेगा लेकिन एक और बात जो सबसे अहम है वह है भाषण की समय सीमा।
रिस्क लेने से बचेंगे मोदी
यूएनजीए में किसी भी नेता को सिर्फ 20 मिनट ही मिलते हैं अपनी बात रखने के लिए और नरेंद्र मोदी को उनके लंबे भाषणों के लिए लोग जानते हैं।
ऐसे में यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि क्या मोदी सिर्फ 20 मिनट में अपनी बात को रखने के साथ ही नवाज शरीफ को जवाब दे पाएंगे।
विशेषज्ञों की मानें तो 20 मिनट की समय सीमा के बावजूद कई नेताओं ने काफी देर तक भाषण दिया है लेकिन उनके भाषण में कभी भी वर्ल्ड लीडर्स की दिलचस्पी नहीं रही।
मोदी यह रिस्क नहीं लेना चाहेंगे क्योंकि उनका मकसद इस अंतराष्ट्रीय मंच से कम शब्दों में मजबूती से अपनी बात रखना है।
वाजपेई ने लिए थे 32 मिनट
शायद अटल बिहारी वाजपेई के बाद मोदी भारत के ऐसे प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं जिन्हें यूएनजीए में सुनने के लिए लोग बेताब हैं। वजह है हिंदी में होने वाला भाषण।
अटल बिहारी वाजपेई ने जब यूएनजीए में अपना भाषण दिया था तो उन्होंने 32 मिनट में उस स्पीच को खत्म किया था। मोदी की ही तरह अटल बिहारी वाजपेई को भी किसी भी मंच पर अपने आक्रामक तेवरों की वजह से लोग जानते हैं।
हालांकि 32 मिनट के उस भाषण को लोग आज तक याद करते हैं और उसका जिक्र आज भी होता है। मोदी की पहली यूएनजीए स्पीच भी इसी तरह की होगी, लोगों को इस बात की पूरी उम्मीद है।