ओबामा के साथ मुलाकात में मोदी ने रखा भारत स्पष्ट पक्ष
वाशिंगटन।
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
और
भारत
के
लिए
मंगलवार
का
दिन
सबसे
खास
दिन
होने
वाला
था।
न्यूयॉर्क
में
बॉलीवुड
स्टाइल
के
वेलकम
और
यूएनजीए
से
अलग
वाशिंगटन
में
मोदी
का
पड़ाव
सबसे
अहम
था।
सबकी नजरें इस बात पर टिकी थीं क्या मोदी, जो कि भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, वह भारत की मुश्किलों और उसके हितों को अमेरिका का प्रतिनिधित्व करने वाले बराक ओबामा के सामने रख पाएंगे।
दो घंटे तक दोनों नेताओं के बीच शिखर वार्ता हुई और फिर दोनों ने एक साझा बयान जारी किया।
डब्ल्यूटीओ पर मोदी का कड़ा रुख बरकरार
इस बयान से साफ हो गया कि मोदी ने अपने मुद्दों को साफ-साफ अमेरिका के सामने रखने में कोई हिचक नहीं दिखाई और उन्होने यह भी साफ कर दिया कि भारत अपने हितों से समझौता नहीं कर सकता है।
इस शिखर वार्ता में मोदी ने ओबामा को भारत में बिजनेस बढ़ाने का न्योता दिया। लेकिन यह भी बता दिया कि भारत डब्ल्यूटीओ पर कोई समझौता नहीं करेगा।
पेंटागन सूत्रों के मुताबिक अमेरिका और भारत डिफेंस सेक्टरमें समझौते को 10 साल बढ़ाने पर राजी हुए हैं। मोदी ने कहा कि ओबामा से मिलकर उन्हें खुशी हुई। उन्होंने कहा, 'मंगल पर भारत और अमेरिका के मिलने के बाद हम यहां मिल रहे हैं।'
मोदी ने ओबामा और उनके परिवार को भारत आने का न्योता दिया। मोदी ने अमेरिका में अपने भव्य स्वागत के लिए ओबामा, अमेरिकी जनता और भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लोगों का शुक्रिया अदा किया।
एक नजर डालिए कि वह कौन-कौन से बाते हैं जो इस साझा बयान से निकलकर आई हैं।
- -अमेरिका, भारत के तीन शहरों इलाहाबाद, अजमेर और विशाखापत्तनम को स्मार्ट सिटी बनाने में भारत की मदद करेगा।
- दोनों देश आर्थिक मदद पर अपनी नीतियां बदलने को राजी।
- पर्यावरण दोनों देशों की प्राथमिकता है।
- भारत और अमेरिका के विचारों में समानता है।
- परमाणु और ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाएंगे।
- भारत और अमेरिका के बीच वैश्विक साझेदारी होगी।
- डब्ल्यूटीओ पर भारत ने साफ कर दिया कि वह अपने रुख में कोई बदलाव नहीं करेगा।
- आतंकवाद के खिलाफ दोनों देश अफगानिस्तान की मदद करेंगे।
- दोनों नेताओं के बीच आतंकवाद की चुनौतियों पर विस्तार से बात हुई।
- मोदी ने अमेरिकी रक्षा कंपनियों को भारत में रक्षा क्षेत्र में सहयोग करने के लिए आमंत्रित किया।