मोदी के अमेरिका दौरे से अपार उम्मीदें
वाशिंगटन।
भारत
के
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
की
शुक्रवार
से
शुरू
हो
रही
उल्लेखनीय
अमेरिका
यात्रा
से
वाशिंगटन
में
सत्ता
के
गलियारे
से
लेकर
कारोबारी
जगत
और
भारतीय
मूल
के
अमेरिकी
समुदाय
तक
को
अपार
उम्मीदें
हैं।
करीब एक दशक तक अमेरिकी वीजा पाने से वंचित रहे मोदी का, जब सभी बातों को परे रखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा 29 सितंबर की शाम निजी भोज में स्वागत करेंगे तो उम्मीद से कहीं आगे तक रिश्तों की बात जाएगी।
ओबामा प्रशासन में दक्षिण एशिया मामलों की प्रभारी निशा देसाई बिस्वाल ने कहा कि भारत को '21वीं सदी के निर्धारक साझेदारों में से एक' करार देने वाले ओबामा भारत को क्षेत्र में एक बड़ी भूमिका में देखना चाहते हैं क्योंकि 'अपने लिए निरंतर महत्वपूर्ण होते चले जा रहे एशिया की तरफ अमेरिका लगातार संतुलन बनाए हुए है।'
मोदी के दौरे की देखरेख कर रहे भारतीय मूल की इस अमेरिकी अधिकारी ने कहा, "हमारा रिश्ता इस सिद्धांत पर टिका है कि एक मजबूत भारत ही अमेरिका के हित में है।
वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने में आनुषांगिक साझेदारी न केलव अमेरिका के हित में है, बल्कि दुनिया के भी हित में है।"
इस बात की भी संभावना है कि इस्लामिक स्टेट आतंकवादी समूह के खिलाफ ओबामा के अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन में भारत को भी साथ लेने का प्रयास हो सकता है।
इससे भारत के साथ व्यापक जीवंतता आने की उम्मीद है। अमेरिका के रक्षा मंत्री चक हेगल उन तीन शीर्ष मंत्रियों में से एक हैं जिन्होंने ओबामा-मोदी शिखर मुलाकात का रास्ता साफ करने के लिए हाल के सप्ताह में नई दिल्ली का दौरा किया।
इस शिखर मुलाकात के लिए अमेरिका-भारत रक्षा सहयोग को शीर्ष वरीयता पर रखा गया है।