गुजरात दंगे याद दिलाने के लिये अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास पर हुआ आतंकी हमला
विदेश
मंत्रालय
के
प्रवक्ता
ने
ट्वीट
करके
इस
हमले
की
पुष्टि
की
है
और
साथ
ही
बताया
कि
सभी
भारतीय
सुरक्षित
हैं।
बताया
जा
रहा
है
कि
हमले
के
पीछे
तालिबानी
आतंकवादी
हैं।
यह
हमला
भारतीय
समयानुसार
सुबह
करीब
4
बजे
हुआ।
कुछ
आतंकवादी
हथियार
व
गोलाबारूद
के
साथ
दूतावास
में
घुस
गये।
दूतावास में नाइट शिफ्ट में कुछ ही कर्मचारी थे, ज्यादा भीड़ नहीं होने की वजह से किसी की जान हानि की खबर नहीं है। ऐसा माना जा रहा है कि आतंकियों ने यह हमला अपना वर्चस्व दिखाने के लिये किया है।
इस हमले से आतंकी जताना चाहते हैं कि अभी भी तालिबान खत्म नहीं हुआ है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि अफगानिस्तान के तालिबानी एक बार फिर कब्जा करना चाहते हैं। नाटो सेना हटाये जाने के बाद से तालिबानी फिर से सक्रिय हो गये हैं।
दूसरा कारण नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री बनना बताया जा रहा है, क्योंकि गुजरात में 2002 में जो दंगे हुए थे, उसमें सैंकड़ों मुसलमान मारे गये थे। तालिबानी उस दंगे को अभी तक भूले नहीं हैं। हालांकि ऐसा करके वे सिर्फ मुसलमानों को गुमराह करने के प्रयास कर रहे हैं।
तीसरा कारण अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने पर हामी भर दी गई है। ऐसा माना जा रहा है कि इस बात से आतंकी खफा हैं और उसके के परिणाम स्वरूप यह हमला किया।
बताया जा रहा है कि इस हमले में तीन बंदूकधारी हैं, जो दूतावास में घुसे हुए हैं। आईटीबीपी के जवान हमलावरों को मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं।