तबाही मचाने के लिए आतंकी बना रहे हैं 'इबोला बम'
नयी दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका समेत दुनिया भर में इबोला वाइरस का खतरा बना हुआ है। दुनिया भर के देश अपने दो इस जानलेवा वाइरस से बचाने में जुटे हुए है। भारत समेत तमाम देश इबोला से निपटने की कोशिश कर रहा है,लेकिन अब जो हम बताने जा रहे हैं उसे सुनकर आप हैरान हो जाएंगे। आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि आखिर कैसे बचें इस इबोला से। जी हां इंसानियत के दुश्मन आतंकवादी इबोला वायरस को "इबोला बम" का रूप देने की तैयारी में हैं। इस बम की ताकत से आतंकी दुनिया में कहर बरपाने को उतावले हो रहे हैं।
जैव-आतंकवाद के विशेषज्ञों की माने तो अफ्रीका में कहर बरपा रहे इबोला वायरस को हथियार की तरह यूज कर सकते हैं। विशेषज्ञ इस बात से इंकार नहीं कर रहे हैं कि वायरस को पाउडर की शक्ल देकर बम बनाया जा सकता है। एक अंग्रेजी वेबसाइट "द सन" की रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के बॉयोलोजिकल एंथ्रोपॉलोजिस्ट पीटर वाल्स का कहना है कि विश्व समुदाय को इबोला बम को गंभीरता से लेना चाहिए।
उनके मुताबिक आतंकवादी संगठन इस खतरनाक इबोला वायरस को पाउडर की शक्ल देकर बम बना सकते हैं। जानकार मानते है कि यह इबोला बम बड़ी संख्या में लोगों को मौत के घाट उतार सकता है। आपको बता दें कि बॉयोलोजिकल हथियारों का उपयोग नया नहीं है। पहले भी सेनाओं ने प्राकृतिक रूप से होने वाली बीमारियों को अपने फायदे के लिए हथियार बनाया। 1346 में टारटर सेना ने "प्लेग" को अपना हथियार बनाया। चूहों के संक्रमण से फैलने वाली इस बीमारी का बड़ी चतुराई से टारटर सेना ने उपयोग किया और दुश्मन को तिल-तिल कर मरने को मजबूर कर दिया।