12,000 किमी की मिसाइल से नई दिल्ली और वाशिंगटन पर निशाना
बीजिंग। भारत और चीन के साथ ही अमेरिका और चीन के बीच जो रिश्ते हैं, वह पूरी दुनिया को मालूम है। भारत के साथ जहां चीन के रिश्ते अक्सर रंग बदलते रहते हैं तो वहीं अमेरिका के साथ भी उसके रिश्तों में तल्खी आ रही है। अब चीन अगर चाहे तो एक साथ नई दिल्ली और वाशिंगटन पर निशाना लगा सकता है।
चीन ने नई पीढ़ी की इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) डोंगफोंग-41 (डीएफ-41) को टेस्ट किया है। इस मिसाइल की रेंज 12,000 किमी है। यह दुनिया की कुछ सबसे ज्यादा दूरी तक मार सकने वाली मिसाइलों में से एक है।
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक अब यह मिसाइल पूरी तरह से तैयार है और चीन की रक्षा में जल्द तैनात की जाएगी।
जानिए क्या है यह मिसाइल और क्यों भारत, अमेरिका और यहां तक कि रूस को अब चीन से डरने की जरूरत है।
दुनिया में सबसे ज्यादा रेंज वाली मिसााइलों का हिस्सा
चीन की इस बैलेस्टिक मिसाइल की रेंज 12,000 किमी है और जरूरत पड़ने पर यह 15,000 किमी तक के टारगेट को भी हिट कर सकती है। लांच होने के कुछ ही सेकेंड्स के अंदर यह इतनी दूरी पर मौजूद टारगेट्स को पूरी तरह से तबाह कर सकती है।
परमाणु हथियार ले जाने की ताकत
चीन की सेना के आधिकारिक प्रवक्ता टांग बोहू ने बताया है कि अंतराष्ट्रीय समुदाय जिसमें अमेरिका भी है, उसको अब इस मिसाइल के अस्तित्व की जानकारी मिल चुकी है। इस जानकारी के साथ ही दुनिया को चीन की परमाणु ताकत का भी अंदाजा लग सका है।
दुनिया में बढ़ी चिंता
चीन की यह नई मिसाइल एक साथ 10 एमआरवी यानी मल्टीपल इंडीपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल को ले जा सकती है। परमाणु हथियार के अलावा यह मिसाइल साधारण हथियार भी ले जाने में सक्षम है।
सुखोई की रफ्तार से भी ज्यादा
डीएफ-41 की स्पीड 25 मैक है। अगर इसकी तुलना मील पर आवर से करें तो यह आंकड़ा 919 030.17631 मील पर पहुंचता है। यानी यह फाइटर जेट सुखोई की स्पीड से भी कहीं ज्यादा है।
दिल्ली सिर्फ 3,777 किमी की दूरी पर
इस मिसाइल की रेंज 12,000 किमी है। अगर इस मिसाइल को बीजिंग से लांच किया जाए तो पलभर में नई दिल्ली तबाह हो सकता है। बीजिंग से नई दिल्ली सिर्फ 3,777 किमी की दूरी पर ही है। वही अगर वाशिंगटन की बात करें तो बीजिंग से इसकी दूरी 11, 147 किमी है यानी इसके टारगेट से कुछ ही कम।
दुनिया के किसी भी हिस्से में हमला
बीजिंग में सेना विशेषज्ञ सोंग झोंगपिंग के मुताबिक यह मिसाइल सैटेलाइट लॉचिंग की मास्टर है और टेक्नोलॉजी की रिकवरी जैसे संसाधनों से भी लैस है। सोंग की मानें तो दुनिया के किसी भी हिस्से में यह हमला करने की ताकत रखती है। सोंग की मानें तो इसकी रेंज इसकी सबसे बड़ी खासियत है।