ओबामा ने कहा, 'इराक को विद्रोहियों से मुक्त कराने में हमें वक्त लगेगा'
गौरतलब है कि, शुक्रवार को अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आईएसआईएस के ठिकानों को निशाना बनाने की मंजूरी दी थी। उसके बाद से उत्तरी इराक में अमरीका ने तीन हवाई हमले किये हैं। सेना ने आईएसआईएस के उन आतंकियों पर भी हमला किया जो कुर्द शहर इरबिल के लिए खतरा बने हुए थे। वहीं, ताजा हमले में याजिदी धार्मिक समुदाय के लोगों को बचाने के लिए गए हैं, जिन्हें सिंजर के आसपास के इलाकों में चरमपंथी निशाना बना रहे थे।
आपको बता दें, पिछले हफ्ते आतंकियों ने सिंजर शहर पर हमला कर दिया था, जिसके बाद हजारों नागरिकों को पहा़ड़ी इलाकों में भागना पड़ा था। इन लोगों को आतंकियों ने आदेश दिया है कि या तो इस्लाम कबूल करें या उनकी हत्या कर दी जाएगी। लेकिन इस बीच अमरीकी विमानों ने पहाड़ों पर फंसे इन्हीं इराकी नागरिकों के लिए राहत साम्रगी गिराए हैं। यहां याजिदी समुदाय के लगभग 300 परिवार फंसे हुए हैं।
समस्या समाप्त करने में वक्त लगेगा- ओबामा
लेकिन वहीं ओबामा ने वाशिंगटन में इस मिशन बात करते हुए पर कहा कि, 'मैं नहीं समझता कुछ हफ्तों में यह समस्या समाप्त होने वाली है। इराक को जेहादी सुन्नी विद्रोहियों से मु्क्त कराने में कुछ समय लग सकता है।' साथ ही इराक में सुन्नियों को अधिकार देने में नाकामी पर ओबामा ने इराकी प्रधानमंत्री नूरी अल-मलिकी की अलोचना की। ओबामा ने कहा कि इराक को स्थायित्व देने में कुछ वक्त लगेगा।
अमेरिका का कहना है कि वे सुन्नी जेहादियों को सीरिया और इराक़ में इस्लामी राज्य या ‘ख़िलाफ़त' की स्थापना नहीं करने देंगे। ओबामा ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो हवाई हमला किए जाएंगे, लेकिन अमेरिकी सेना जमीनी कार्रवाई नहीं करेगी। वहीं, ब्रिटेन ने भी धार्मिक समुदायों की मदद के लिए अपनी विमान भेजा है।