पृथ्वी जितना बड़ा हीरा! खोज पाना था मुश्किल
विस्कॉन्सिन-मिलवाउकी यूनिवर्सिटी के प्रफेसर डेविड कैपलान ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि इन ग्रहों की चमक बहुत कम होती है। लिहाजा, इसे खोज पाना बहुत ही कठिन होता है। लेकिन यह निश्चित तौर पर एक अद्भुत वस्तु है।'
उन्होंने यह भी बताया कि "वाइट ड्वार्फ वे तारे होते हैं जो अपने जीवन के अंतिम अवस्था में पहुंच चुके होते हैं। मतलब इस अवस्था में इनकी एनर्जी और गर्मी के लिए जिम्मदार फ्यूजन रिऐक्शन पूरी तरह से रुक जाता है।" इसी वजह से इनकी चमक बहुत ही कम हो जाती है। ये तारे साधारण तौर पर धरती से टेलीस्कोप द्वारा भी दिखाई नहीं देते। साथ ही खगोल वैज्ञानिकों के अनुसार ऐसे और भी तारे मौजूद हो सकते हैं। गौरतलब, ये तारे दुर्लभ नहीं हैं।
इसी आधार पर हाल ही में खोजे गए इस वाइट ड्वार्फ के बारे में एस्ट्रोनॉमर्स का मानना है कि यह तारा एक हीरे की तरह ही ठंडा और क्रिस्टलीकृत हो गया है। जिससे इस तारे की उम्र 11 अरब वर्ष होने की संभावना है। जो इसे मिल्की वे जितना पुराना बनाता है।