1400 बच्चों के साथ किया गया यौन शोषण- रिपोर्ट
लंदन। बच्चों की सुरक्षा सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी खतरे में है। जी हां, इंग्लैंड के रॉदरहैम में बच्चों के साथ बदसलूकी और यौनशोषण का एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है। फिलहाल, यहां की सरकार इस मामले की तह तक जाने की भरसक प्रयास में है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंग्लैंड के रॉदरहैम में वर्ष 1997 से 2013 के बीच 1400 बच्चों का यौन शोषण किया गया। इतना ही नहीं, बल्कि बच्चों को अगवा कर इंग्लैंड के दूसरे शहरों में भी ले जाया जाता था। वहीं उनके साथ मार पीट करना, धमकाना, बेचने जैसी घटनाएं भी की जाती थी।
11 वर्ष से कम की बच्चियां का शोषण
यह जानकर किसी भी इंसान की आत्मा तक कांप जाएगी कि इन बच्चों में 11 साल से भी कम उम्र की लड़कियां शामिल थी। जिनके साथ मार-पीट के बाद सामूहिक बलात्कार जैसे घिनौने कृत्य भी किए जाते थे।
बच्चों पर पेट्रोल छिड़ककर उन्हें आग के हवाले करने की धमकी दी जाती थी और उन्हें बंदूक दिखाकर भी धमकाया जाता था। वहीं, कई बच्चों के सामने बलात्कार कर उन्हें धमकाया जाता था कि यदि उन्हों ने किसी से इसका जिक्र किया तो अगली बारी उनकी होगी।
रॉदरहैम काउंसिलने बनाई रिपोर्ट
यह रिपोर्ट रॉदरहैम काउंसिल द्वारा बनाई गई है। रिपोर्ट जारी होने के बाद काउंसिल के नेता रोजर स्टोन ने कहा है कि वह तत्काल प्रभाव से अपना पद छोड़ रहे हैं। साल 2003 से काउंसिल के नेता रहे रोजर स्टोन ने कहा, "मेरा मानना है कि एक नेता के नाते मुझे इन गलतियों की पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए जो रिपोर्ट से साफ-साफ जाहिर हुई हैं।"
रिपोर्ट लिखने वाली प्रोफेसर अलेक्सीस जे ने कहा है कि ये काउसिंल के नेतृत्व की सामूहिक गलती है क्योंकि वरिष्ठ पदाधिकारियों ने समस्या की गंभीरता को कम आंका। साथ ही दक्षिण योर्कसाइर की पुलिस भी इस मुद्दे से निपटने में नाकाम रही। ताजा रिपोर्ट में ये भी पाया गया कि पहले भी इस बारे में 2 बार जांच कार्रवाई गई थी। लेकिन काउंसिल के स्टाफ खुद पर 'जातिवादी' होने का टैग नहीं लगने देना चाहते थे, क्योंकि अपराधियों में ज्यादातर लोग एशिया के थे।
पीड़ित बच्चों की सही संख्या किसी को नहीं पता
साल 2010 में पांच पुरुषों को बच्चियों के ख़िलाफ़ यौन अपराधों के लिए जेल भेजा गया था लेकिन रिपोर्ट कहती है कि पुलिस ने पीड़ित बच्चों को हिकारत की नजर से देखा। जांच में सामने आई जानकारी पर बात करते हुए प्रोफेसर अलेक्सीस जे ने कहा, "पीड़ित बच्चों पर क्या गुजरी ये बयान कर पाना बहुत ही मुश्किल है।" उन्होंने कहा कि पीड़ित बच्चों की सही संख्या अभी किसी को भी पता नहीं है। लेकिन 1,400 बच्चों का अनुमान लगाया जा रहा है।