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तो कभी कब उठेगा शास्त्री जी की मौत का रहस्य...

By Vivek
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नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) डा. आर.के.करौली को अब भी याद है वह दिन जब देश के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ताशकंद रवाना हुए थे।

Lal Bahadur Shashtri

राजधानी के विलिंग्डन अस्पताल (अब राममनोहर लोहिया अस्पताल) से जुड़े हुए डा.करौली शास्त्री जी के निजी चिक्त्सक भी थे। 82 साल के डा.करौली वे कहते हैं कि ताशकंद जाने से पहले शास्त्री जी स्वस्थ थे। ताशकंद में उनकी अचानक से मृत्यु के कारणों को वे अब तक समझ नहीं पाए हैं।

11 जनवरी 1966 को लाल बहादुर शास्त्री की तत्कालीन सोवियत संघ के ताशकंद में रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई थी।

वह पाकिस्तान के साथ संधि करने वहां गए थे। इस मामले में वहां उनकी सेवा में लगाए गए एक बावर्ची को हिरासत में लिया गया था, लेकिन बाद में उसे छोड़ दिया गया।

कहते हैं कि शास्त्री जी की पत्नी ललिता जी को हमेशा संदेह रहा कि उनका (शास्त्री जी का) निधन स्वाभाविक नहीं है। उनके पुत्र अनिल शास्त्री ने एक इंटरव्यू में कहा था कि इस मामले में जांच में काफी विलंब हो चुका है, लेकिन अभी भी काफी कुछ किया जा सकता है।

सच तो बाहर आना ही चाहिए। वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैय्यर उन लोगों में शामिल हैं जो शास्त्री जी के साथ ताशकंद गए थे। उनको शास्त्रीजी के निधन की परिस्थितियों पर गंभीर संदेह है और इसका उल्लेख उन्होंने अपनी पुस्तक में भी किया है।'

यह भी आरोप लगता रहा है कि शास्त्रीजी की देखरेख में लापरवाही बरती गई क्योंकि यह कैसे संभव है कि प्रधानमंत्री के कमरे में टेलीफोन और चिकित्सा सुविधा नहीं हो। 70 के दशक में जनता पार्टी की सरकार ने आश्वासन दिया था कि सच सामने लाया जाएगा, लेकिन तत्कालीन गृह मंत्री चरण सिंह ने उस समय कहा था कि ऐसे कोई प्रमाण नहीं है।

अनिल शास्त्री ने कहा कि इस मामले में आज की तारीख में शास्त्रीजी के साथ के कई लोग जीवित नहीं है। उनके चिकित्सक रहे डॉ. चुग के पूरे परिवार की दिल्ली के रिंग रोड में सड़क दुर्घटना में मौत हो चुकी है।

उन्होंने कहा, ‘इन सभी परिस्थितियों का खुलासा होना चाहिए और संदेह के बादल छंटने चाहिए।' शास्त्री ने कहा कि कुछ समय पहले सूचना के अधिकार कानून के तहत इस बारे में मांगी गई जानकारी के जवाब में सरकार ने कहा था कि यह दस्तावेज सार्वजनिक नहीं किए जा सकते, क्योंकि इससे विदेश संबंध प्रभावित होंगे और यह देशहित में नहीं होगा।

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English summary
Will nation ever know the mystery of Shahtriji’s death ? This question is still being asked by many people.
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