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क्या कश्मीर में सफल होगा भाजपा का मिशन 44-प्लस?

By आनंदो भक्तो
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नई दिल्ली| लोकसभा चुनाव में भारी जीत से उत्साहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जम्मू एवं कश्मीर की सत्ता पर काबिज होने के लिए 'मिशन 44-प्लस' को सफल बनाने में जुट गई है। अगर ऐसा होता है, तो देश के इकलौते मुस्लिम बहुसंख्यक राज्य में ऐतिहासिक तौर पर भाजपा की सरकार बनेगी। इसके लिए वह अनुच्छेद 370 को खत्म करने समेत तमाम हथकंडे अपना रही है।

जम्मू क्षेत्र में भाजपा हिंदू बहुल क्षेत्र के सभी 37 सीटों पर जीत के प्रति आशान्वित है। भाजपा को विश्वास है कि अलगाववादी आंदोलन भड़कने के बाद कश्मीर घाटी से भागे प्रवासी कश्मीरी पंडित उन्हें वोट देंगे। इसके अलावा, 87 सीटों वाले विधानसभा में घाटी के आठ अन्य सीटों पर भी पार्टी की नजर है।

भाजपा ने कश्मीरी पंडितों के बहुमत वाले हब्बकदल, गंदरबल, कुलगाम, अनंतनाग, तराल, अमीरकादल, सोपोर और खनयार सीटों की पहचान की है, जहां वह जीत दर्ज कर सकती है।

भाजपा इस बात को लेकर आशान्वित है कि अलगाववादियों द्वारा चुनाव बहिष्कार के मद्देनजर अगर मुसलमानों का वोट प्रतिशत कम होता है, तो इन आठों सीटों पर उसे इसका फायदा मिलेगा।

भाजपा के प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा, "जम्मू एवं कश्मीर के राजनीतिक परिदृश्य में कश्मीरी पंडितों की अहम भूमिका है। आगामी चुनावों में उनकी भागीदारी और सकारात्मक चुनावी भूमिका के लिए हम प्रयासरत हैं।"

क्या सोचते हैं कश्मीरी पंडित

कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति के अध्यक्ष संजय टिक्कू ने आईएएनएस से कहा, "मैं हब्बकदल में रहता हूं, जिस सीट पर भाजपा की नजर है। अगर प्रवासी कश्मीरी पंडितों को मिला लिया जाए, तब भी उनकी संख्या 10 हजार के आसपास पहुंचती है। मुसलमानों की कुल आबादी 50 हजार है और वे कभी भाजपा को वोट नहीं देंगे।"

जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के राजनीतिक सलाहकार तनवीर सादिक ने आईएएनएस से फोन पर कहा, "भाजपा अनुच्छेद 370 की सहायता से मतदाताओं का ध्रुवीकरण कर 2008 में केवल 11 सीटें ही जीत पाई है।"

एक प्रवासी कश्मीरी पंडित कल्पना टिक्कू ने कहा, "चुनाव में अगर नेशनल कांफ्रेंस और भाजपा हाथ मिला ले, तो यह आश्चर्य की बात नहीं होगी। पीपुल डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) कभी भगवा पार्टी के साथ नहीं जाएगी।"

उन्होंने कहा, "नेशनल कांफ्रेस और भाजपा अभी भले ही एक दूसरे का विरोध करते हों, लेकिन राजनीति में कोई स्थायी दुश्मन नहीं होता।"

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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English summary
Will BJP get success in mission 44 in Kashmir? This is a very big challenge for BJP as well as PM Narendra Modi.
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