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पीएम के खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की गई - पारेख

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manmohan singh
नई दिल्ली। पूर्व मीडिया सलाहकार संजय बारू की किताब 'एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर..' से सवालों में फंसे रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मुश्किलें बढ़ ही गईं हैं, अब पूर्व कोयला सचिव पीसी पारेख ने अपनी पुस्तक के जरिये पीएम पर निशाना साधा है।

अपनी किताब 'क्रूसेडर ऑर कांसपीरेटर? कोलगेट एंड अदर ट्रूथ्स के' माध्यम से पूर्व कोयला सचिव ने सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा से पूछा है कि हिंडाल्को को ओडिशा की जिस तालाबीरा कोयला खदान आवंटन मामले में उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है, उसमें पीएम के खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की गई?

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उनका कहना था कि तालाबीरा कोल ब्लॉक के आवंटन का फैसला मनमोहन सिंह ने ही बतौर कोयला मंत्री लिया था। पारेख का आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट को प्रभावित करने और पिंजरे में बंद तोता की छवि से उबरने की कोशिश के तहत ही रंजीत सिन्हा ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है।

दिसंबर 2005 में रिटायर हुए पूर्व कोयला सचिव पारेख की पुस्तक का विमोचन आज होना है। इसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि सीबीआई उनका शिकार करना चाहती है। सिन्हा ने नियम-कानून ताक पर रखकर उनके खिलाफ कार्रवाई की है।

बकौल पारेख, 'अगर सिन्हा मानते हैं कि तालाबीरा-2 कोल ब्लॉक हिंडाल्को को एक साजिश के तहत आवंटित किया गया, तो इस मामले में प्रधानमंत्री को भी नामजद करने का उनके अंदर साहस होना चाहिए।' ध्यान रहे कि ओडिशा की तालाबीरा कोल ब्लॉक हिंडाल्को को आवंटित करने के मामले में सीबीआइ ने पारेख और कुमार मंगलम बिड़ला के खिलाफ केस दर्ज किया है।

आरोप है कि हिंडाल्को को कोल ब्लॉक आवंटन में पारेख ने पक्षपात किया है। अपनी पुस्तक में पारेख ने जांच एजेंसी के इस कदम पर सवालिया निशान लगाया है। उन्होंने सवालिया अंदाज में पूछा है कि अगर सीबीआई को इस मामले में साजिश और भ्रष्टाचार की बू आई, तो उसने पीएम के खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं की।

पारेख के अनुसार किसी भी सचिव का काम केवल सिफारिश करना है। इस पर अंतिम फैसला लेना मंत्री का काम है। उन्होंने सवाल किया कि उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से पूर्व सीबीआई ने पीएमओ की फाइलों की जांच क्यों नहीं की। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि हिंडाल्को को कोल ब्लॉक आवंटन के मामले में पीएमओ ने उन पर कोई दबाव नहीं डाला।

सीबीआई निदेशक सिन्हा ने पारेख की इस किताब को कोई तवज्जो नहीं दी है। उन्होंने इस पुस्तक को खांटी सरकारी बाबू की किताब करार दिया है। बकौल सिन्हा, 'इसमें लेखक अपने ही महिमा मंडन में लिप्त है।' उन्होंने कहा, 'मैं सभी आरोपों का क्रम से जवाब देता। चूंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, लिहाजा मैं इस बारे में इससे ज्यादा खुलकर चर्चा करने से बच रहा हूं।

English summary
Why PM is not charged in coal scamp as a superior body.
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