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बाहुबली डीपी यादव का साथ भाता अमित शाह को

By Vivek
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नई दिल्ली(विवेक शुक्ला)भाजपा प्रमुख अमित शाह के करीब आ रहे हैं बाहुबली और धनबली के नाम से कुख्यात डीपी यादव। वे हरिय़ाणा विधानसभा चुनावों में शाह के साथ कई बार देखे गए एक ही मंच पर।

Amit Shah

जाहिर है, इसके चलते बहुत से लोगों को हैरानी हो रही है कि भाजपा को डीपी यादव जैसी हस्ती को अपना साथ जोड़ने की क्या जरूरत महसूस हुई।

करोड़ों की संपत्ति के मालिक

वरिष्ठ लेखक बी.पी.गौतम कहते हैं कि यादव आज करोड़ों की संपत्ति के स्वामी हैं, साथ ही उनके पास ऐश्वर्य और वैभव का हर साधन मौजूद है, लेकिन सोच में अंदर तक बेईमानी बैठी होने के कारण दबंगई और चोरी अभी भी नहीं छोड़ पा रहे हैं।

कुछ लोग तर्क देते हैं कि डीपी यादव अब गलत धंधे नहीं करते, क्योंकि उनके पास अब किसी चीज की कमी नहीं है।

विधायक से लेकर सांसद रहे डीपी के चाहने वालों का तर्क है कि डीपी यादव को अपने कारोबारों से ही बहुत बड़ा मुनाफा होता है, ऐसे में उन्हें बेईमानी करने की अब कोई आवश्यकता ही नहीं है और न ही वह अब ऐसा कुछ करते हैं।

डीपी के चाहने वालों के बारे में क्या कहा जा सकता है? उनकी अपनी सोच है, जो उनके नजरिये से सही भी हो सकती है, पर जनपद बदायूं में बिसौली तहसील क्षेत्र के गांव रानेट के पास उनकी स्थापित यदु शुगर मिल की बात करें, तो उसकी स्थापना दबंगई और बेईमानी से ही की गयी है।

गौतम कहते हैं कि शातिर दिमाग डीपी यादव ने अपने यहां काम करने वाले गुलाम रूपी लोगों के नाम पट्टे जारी करा रखे हैं। कुछ लोगों की जमीनें भी खरीदी हैं, लेकिन जमीन के मालिक अपनी जमीन बेचना ही नहीं चाहते थे।

हो चुकी है शिकायत

बसपा सरकार में शक्ति का दुरुपयोग करते हुए डीपी डीपी यादव द्वारा हथियाये गये पट्टों के बारे में एसडीएम बिसौली रजनीश राय का कहना है कि उन्हें अधिक जानकारी नहीं है, साथ में यह भी कहा कि एक बुजुर्ग व्यक्ति एक-दो बार शिकायत लेकर आया था।

बाद में जानकारी हुई कि उसने डीपी यादव को जमीन बेच दी, तो फिर उन्होंने भी कुछ नहीं किया।

विस्तार से जानकारी मांगने के सवाल पर वह बोले अभी बाहर हैं, इसलिए सोमवार को ही कुछ बता पायेंगे। बिसौली के तहसीलदार पंकज सक्सेना ने सब कुछ नकार दिया।

उनका कहना है कि सभी पट्टे बिल्सी तहसील से जारी कराये गये हैं, इसलिए वह कुछ नहीं बता सकते। बाद में बोले कि अभी बाहर हैं, इसलिए सोमवार को आकर रिकार्ड देखेंगे। तहसीलदार बिल्सी ने भी यही कहा कि वह बाहर हैं और मंगलवार को आकर ही कुछ बता पायेंगे।

अधिकारियों के कन्नी काटने से साफ है कि वह सब सरकार के कम डीपी यादव के वफादार अधिक हैं, इसलिए उच्च स्तरीय जांच की आवश्यकता है, ताकि गरीब और आम आदमी के साथ न्याय हो सके।

क्‍या कहते हैं कानून के जानकार

कानून के जानकारों का कहना है कि पट्टों के स्वामियों ने अगर स्वेच्छा से डीपी यादव की शुगर मिल को जमीन दी है, तो भी नियम के विरुद्ध ही है।सरकार ने जिस उद्देश्य से पट्टा धारक को जमीन दी थी, वह पट्टा धारक द्वारा पूरा नहीं किया जा रहा है, इसलिए नियमानुसार पट्टा निरस्त होना चाहिए। सूत्रों के अनुसार अधिकांश पट्टा धारक डीपी के अपने कारिंदे ही हैं, जो डीपी के विरुद्ध आवाज नहीं उठायेंगे।

इसके अलावा जिन लोगों के बैनामे कराये गये हैं, उनसे भी बड़े अधिकारियों को कानून का साथ देने का विश्वास दिलाते हुए बात करनी चाहिए, ताकि उनके दिल से डीपी का भय निकल जाये और सच बोलने लगें।

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English summary
Why Amit Shah needs strongman D.P.Yadav. Yadav has a very dubious past.
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