Make in India: पीएम की 'मेक इन इंडिया' योजना क्या है जानिए
बेंगलूरू। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से जिस मेक इन इंडिया की घोषणा जोर शोर से की थी। उसी को लागू करने के लिए प्रधानमंत्री अब आगे बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में इस योजना पर काम शुरू कर दिया गया है। आपको बता दें कि कैबिनेट ने इस स्कीम को अमलीजामा पहनाने के लिए मंजूरी भी देदी है। जिसके तहत कैपिटल गुड्स को बढ़ावा दिया जाना तय हुआ है। इसी के अलावा नई तकनीक व आधुनिकता को बढ़ावा दिया जाएगा।
क्या है यह मेक इन इंडिया
क्या आपको पता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मेक इन इंडिया आइडिया जो अब एक स्कीम का रूप ले रहा है। यह आखिर है क्या। दरअसल, इसका मतलब है कि अच्छी और जरूरत की चीजों का निर्माण ज्यादा से ज्यादा भारत में होगा। इस योजना के तहत प्रधानमंत्री चाहते हैं कि जरूरत चीजों के पैकेट या कहें वस्तु पर मेड इन इंडिया (Made in India) लिखा हो। यह शब्द वस्तु पर तभी अंकित किया जा सकता है जब वस्तु का निर्माण भारत में हुआ हो।
मोबाइल का उदाहरण ले लीजिए। सेमसंग मोबाइल के पीछे या सेमसंग मोबाइल के डिब्बे पर अंकित जानकारी पर नजर डालेंगे तो उस पर मेड इन कोरिया लिखा होगा। क्योंकि सेमसंग कोरिया में बनता है। इसलिए जो चीज जहां बनती है उसी देश का नाम वस्तु पर अंकित किया जाता है।
क्या होता है इसका फायदा
इसका सबसे बड़ा फायदा तो यह होगा कि देश में बनी वस्तु की कीमत कम होगी। इसके अलावा अगर वस्तु का निर्माण भारत में ही होगा तो उसका निर्यात कर भी राजकीय खजाने को भरा जा सकता है।
यह पायलट प्रोजेक्ट होगा
इस स्कीम के लिए 930 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। सरकार योजना के लिए 581 करोड़ रुपये देगी। पूरी योजना पर 20,000 करोड़ रुपये का खर्च हो सकता है।