अब तो दुनिया भी मान रही भारत-पाक के बीच होगा एक और युद्ध!
जम्मू। जिस तरह से पाकिस्तान की ओर से लगातार सीमा पर गोलियां बरसाई जा रही हैं और रोज सीजफायर टूट रहा है, उसके बाद से हर कोई बस एक ही सवाल पूछ रहा है कि क्या 1999 के बाद एक बार फिर दोनों देश जंग के मैदान में आमने-सामने होंगे।
बीएसएफ की मानें तो पाक की ओर से वर्ष 1971 के बाद इतनी गोलियां बरसाई जा रहीं हैं। जम्मू में इंटरनेशनल बॉर्डर के पास बसे गांवों में रहने वाले लोग अपने घरों को छोड़कर जाने लगे हैं।
इन हालातों के बीच ही अब दुनिया भी यह मान रही है कि दोनों देशों के बीच जंग का माहौल बन चुका है और हो सकता है कि दोनों देशों के बीच फिर से जंग छिड़ जाए।
अमेरिका के अग्रणी समाचार पत्र न्यूयॉर्क टाइम्स की एक एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में स्टीफन पी कोहेन के हवाले से कहा गया है कि जिस तरह के हालात इस समय दोनों देशों के बीच बने हुए हैं,पूर्व में इन्हीं हालातों की वजह से भारत और पाक के बीच जंग हो चुकी हैं। स्टीफन ने पिछले वर्ष भारत पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के माहौल पर एक किताब भी लिखी है।
फायरिंग से बढ़ी टेंशन
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक जुलाई और अगस्त में इतनी ज्यादा फायरिंग के बाद चिंताएं बढ़ गई हैं। दोनों देशों के बीच अचानक माहौल ऐसा क्यों हो गया है, किसी को भी समझ नहीं आ रहा है लेकिन तनाव किसी भी हद तक जा सकता है, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है।
दोनों देशों के बीच बढ़ा तनाव
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के बीच होने वाली बातचीत को रद्द कर दिया है उससे संकट और बढ़ता दिख रहा है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी इस रिपोर्ट में नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजित डोभाल का जिक्र भी किया है और लिखा है कि उन्हें हमेशा अपने ही अपने युद्धकारी रवैये के लिए जाना जाता है।
फिर और बढ़ेगी भारत की मुश्किलें
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक अगले कुछ माह के दौरान अफगानिस्तान से अमेरिकी फौजों का हटना शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही भारतीय विशषज्ञ यह मानने लगे हैं कि इस कदम से भारत में दाखिल होने वाले आतंकियों की संख्या बढ़ जाएगी।
कोहेन ने दी तीन वजहें
कोहेन ने लगातार गोलीबारी के बारे में तीन वजहें बताई हैं। कोहेन के मुताबिक एक पक्ष या फिर दोनों ही पक्षों के कमांडर जब घबरा जाते हैं तो फायरिंग शुरू कर देते हैं। उन्हें लगता है कि कोई सीमा पार कर रहा है। दूसरी वजह है कि स्थानीय कमांडर हो सकता है ज्यादा महत्वाकांक्षी हो या फिर दोनों ही पक्षों की नीतियों को सरकार का समर्थन हासिल हो।
हरे-भरे खेत और खतरा
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक भारत और पाक के बीच 1,800 मील लंबी सीमा खेतों से होकर गुजरती है। इतनी करीब कि किसान भी आसानी से दुश्मन को देख सकते हैं। पिछले कुछ दिनों से जारी फायरिंग की वजह से गांव वालों को 81 एमएम के मोर्टार से खुद की जान बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ा है।
71 के बाद से मुश्किल हालात
न्यूयॉर्क टाइम्स ने बीएसएफ डीजी के उस बयान का भी जिक्र किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि पाक की ओर से जुलाई के मध्य से जो फायरिंग शुरू हुई है, वह वर्ष 1971 के बाद से पहले ऐसे मौके में तब्दील हो गई है जब पाक की ओर से इतनी ज्यादा गोलियां बरसाई गई हैं।
पाक ने बीएसएफ के दावे को नकारा
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक चेनाब रेंजर्स के ब्रिगेडियर मतीन अहमद खान ने बीएसएफ के दावे को सरासर नकार दिया है। उनका कहना है कि इस इलाके की भौगोलिक परिस्थितयां ऐसी है ही नहीं कि बॉर्डर को पार किया जा सके।
पाक का दोगला रवैया
न्यूयॉर्क टाइम्स ने मतीन अहमद खान के उस बयान को भी जगह दी है जिसमें उन्होंने कहा है कि भारत ने दोहरी दिवार खड़ी कर ली है। इस दिवार में साउंड डिटेक्टर्स लगे हैं। मतीन अहमद खान के मुताबिक बीएसएफ और भारत की ओर से किए जाने वाले सारे दावे सिर्फ झूठ के अलावा कुछ नहीं हैं।
गांववालों ने ली चैन की नींद
बुधवार को पहला ऐसा मौका था जब दो रातें चैन से गुजरीं और गांववालों ने भी चैन की सांस ली। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक पाक की तरफ से सीमा पर स्थित चौकी पर चेनाब रेंजर्स के एक ऑफिसर ने दूरबीन से भारतीय पोस्ट पर अपनी नजरें गड़ा रखी थीं। इस आफिसर के मुताबिक लगातार भारतीय पोस्ट पर अपनी नजरें रखनी पड़ती हैं क्योंकि कोई भी कभी भी गोलीबारी का शिकार हो सकता है।
गांववालों की राय
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक पाक की ओर से हुई फायरिंग में पिछले दिनों जम्मू के ज्योरा गांव में रहने वाले अकरम और उसके छह वर्ष के बेटे अकरम की मौत हो गई थी। अब इन गांव वालों की मानें तो उनके लिए रोज ही युद्ध के हालात होते हैं।