लोकसभा चुनाव: पांचवे चरण में मुसलाधार वोटिंग, 10 करोड़ ने किया मतदान
गुरुवार को 11 घंटे तक चले मतदान में 19.1 करोड़ योग्य मतदाताओं में से करीब 50 फीसदी ने अपने मताधिकार का उपपयोग किया। सिर्फ मणिपुर में मतदान शाम 4 बजे ही समाप्त हो गया। पूरे दिन 2,25,387 मतदान केंद्रों पर पुरुष और महिला मतदाताओं की कतार लगी रही। केवल मध्य प्रदेश के भिंड और छत्तीसगढ़ के कांकेर में भीड़-भाड़ नहीं उमड़ी।
मतदान के आखिर में सत्ता धारी कांग्रेस और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी-अपनी जीत के दावे किए। कांग्रेस ने भाजपा के पक्ष में 'मोदी लहर' के दावे को खारिज किया। गुरुवार को हुए मतदान में देश का एक बड़ा हिस्सा शामिल रहा। इस चरण में जम्मू एवं कश्मीर से लेकर कर्नाटक तक और महाराष्ट्र से लेकर पश्चिम बंगाल तक का इलाके में मतदान हुआ।
इसी चरणम में कर्नाटक के सभी 28 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान कराया गया है। इसके अलावा बिहार (सात सीट), झारखंड (छह), उत्तर प्रदेश (11 सीट), पश्चिम बंगाल (4 सीट), छत्तीसगढ़ (तीन सीट), जम्मू एवं कश्मीर (एक सीट), मध्य प्रदेश (10 सीट), महाराष्ट्र (19 सीट), मणिपुर (एक सीट), ओडिशा (11 सीट), राजस्थान (20 सीट) के लिए मतदान हुआ है।
ओडिशा में लोकसभा के साथ-साथ राज्य विधानसभा की 79 सीटों के लिए मतदान और पश्चिम बंगाल में विधानसभा की दो सीटों के लिए उपचुनाव कराया गया है। गुरुवार को हुए मतदान के साथ ही लोकसभा की 543 में से 232 पर मतदान का कार्य पूरा हो गया है। भाजपा ने गुरुवार को जिन सीटों पर मतदान कराया गया है, उनमें से अधिकांश पर अपनी जीत का दावा किया है।
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जयपुर में कहा, "हम राजस्थान की सभी 25 सीटों पर जीत दर्ज करने जा रहे हैं।" पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने कर्नाटक में भाजपा के बेहतर प्रदर्शन का विश्वास व्यक्त किया है। राज्य में कांग्रेस की सरकार है और भाजपा विपक्षी पार्टी है। केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा के दावे को खारिज किया है।
मध्य प्रदेश के गुना में मतदान करने के बाद सिंधिया ने कहा, "कहीं भी मोदी की लहर नहीं है।" शिंदे ने शोलापुर में कहा, "यहां कोई मोदी लहर नहीं है, केवल शिंदे लहर है।" इस चरण के प्रमुख प्रत्याशियों में गुलाम नबी आजाद (उधमपुर), मेनका गांधी (पीलीभीत), शत्रुघ्न सिन्हा (पटना साहिब), जसवंत सिंह (बाड़मेर), एम. वीरप्पा मोइली (चिक्कबल्लपुर), अनंत कुमार और नंदन नीलेकणि (बेंगलुरू दक्षिण), मीसा भारती (पाटलीपुत्र), सचिन पायलट (अजमेर), बूटा सिंह (जालौर), अशोक चव्हाण (नांदेड़), गोपीनाथ मुंडे (बीड़), सुप्रिया सुले (बारामती), वी. बालकृष्णन (बेंगलुरू सेंट्रल), बीएस येदियुरप्पा (शिमोगा), और एस.एस. आहलुवालिया और बाइचुंग भूटिया (दार्जिलिंग) हैं। सुचारु मतदान के लिए 13,79,450 मतदान कर्मियों की तैनाती की गई थी।