मैं संघ के नहीं आपकी दादी इंदिरा के काफी करीब था राहुल जी: वैदिक
जिसके बाद भी संसद के बाहर कांग्रेस का हंगामा भी जारी रहा। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी डॉ. वेदप्रताप वैदिक पर तीखा प्रहार किया। राहुल ने मीडिया से कहा कि "हमारा सवाल बस इतना है कि क्या पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग ने वैदिक-हाफिज की मुलाकात सुनिश्चित कराई थी या उच्चायोग ने किसी भी तरह से वैदिक की सहायता की थी? राहुल ने वैदिक को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का व्यक्ति बताया और कहा कि यह 'ज्ञात तथ्य' है।"
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जिसके बाद वैदिक ने इंडिया टीवी के खास कार्यक्रम आज की बात में चैनल के चीफ रजत शर्मा से कहा कि वह सईद से एक पत्रकार के तौर पर मिले और उनका किसी भी राजनीतिक दल से कोई लेना-देना नहीं है। सईद का पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के साथ गहरा रिश्ता रहा है।
रही बात राहुल गांधी की तो उन्होंने जो कहा वो उनकी बुद्धि की बलिहारी है। उन्हें शायद पता नहीं कि मैं संघ का नहीं बल्कि उनकी दादी इंदिरा गांधी के काफी करीब रहा हूं। इंदिरा जी के समय में मैं अक्सर प्रधानमंत्री आवास आता-जाता था।
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यही नहीं मेरा आरएसएस से नहीं बल्कि कांग्रेस के दिग्गज नेता और देश के पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हाराव का दोस्त था। इसलिए बार-बार यह कहना कि मैं आरएसएस के करीब हूं यह गलत और आधारहीन है।
वैदिक ने कहा कि वो पाकिस्तान कांग्रेस के दिग्गजों मणि शंकर अय्यर और सलमान खुर्शीद के साथ PIP के कार्यक्रम में अपने निजी वीजा पर गया था। मैं तो इस्लामाबाद में था बाकी लोग सोसायटी का कार्यक्रम खत्म करने के बाद लाहौर चले गये थे।
मैं तो पाकिस्तान के आलाकमान नवाज शरीफ से मिलना चाहता था लेकिन वो कजिकस्तान जाने में बिजी थे और उसी दौरान मुझे वहां रूकना पड़ा गया और मेरी और हाफिज की मुलाकात का संयोग बन गया। इस मुलाकात को राजनीतिक जामा पहनाना पूरी तरह से गलत और बेकार है।