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केदारनाथ त्रासदी : मृत्यु प्रमाणपत्र भी दुरुस्त नहीं

By Ians Hindi
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uttarakhand flood
पीलीभीत। उत्तराखंड की केदारनाथ त्रासदी की यादें भले ही आम लोगों के जहन में धुंधली हो गई हों, लेकिन उत्तर प्रदेश के उन लोगों के जख्म साल भर बाद भी हरे हैं, जिन्होंने त्रासदी में अपनों को गंवाया। जब-जब केदारघाटी में त्रासदी का जिक्र होता है, इन लोगों की आंखें भर आती हैं।

एक साल पहले 17 जून को हुई त्रासदी में लापता जिले के शुक्ला परिवार का साल भर बाद भी पता नहीं चल सका है। सरकार ने सालभर बाद सभी छह सदस्यों को मृत मानकर उनके मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कर दिए, लेकिन प्रमाणपत्र भी दुरुस्त नहीं मिले।

पीलीभीत जिले के पूरनपुर निवासी शिक्षक करुणा शंकर शुक्ला, उनकी पत्नी कृष्णा शुक्ला, पुत्र अजय शुक्ला (बरेली में सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी), पुत्र वधू शिवांगी, अजय शुक्ला के पुत्र अंशुमान और पुत्री पूर्वा और अजय शुक्ला की सास लखनऊ निवासी किरन शुक्ला 12 जून, 2013 को चार धाम यात्रा पर निकले थे, लेकिन 17 जून, 2013 को आई आपदा में शुक्ला परिवार के ये सभी सदस्य लापता हो गए थे।

घर में करुणा शंकर शुक्ला का एक शिक्षक पुत्र ब्रजेश शुक्ला, उनकी पत्नी व उसके बेटा-बेटी ही रह गए थे। हादसे के बाद ब्रजेश ने सभी सदस्यों के खोजने को पहाड़ों से लेकर राहत शिविरों की खाक छानी लेकिन किसी की पता नहीं लगा।

काफी कोशिशों के बाद सरकार ने साल भर बाद शुक्ला परिवार के छह सदस्यों को मृत मानकर उनके मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कर दिए, लेकिन इन प्रमाणपत्रों ने परिवार की मुसीबत ही बढ़ा दी हैं। तीन मृत्यु प्रमाणपत्र तो बरेली बुलाकर दे दिए गए, लेकिन ब्रजेश को उसकी मां कृष्णा शुक्ला, भाभी शिवांगी और भतीजी पूर्वा के प्रमाणपत्र अभी तक नहीं मिल सके हैं।

ब्रजेश प्रमाणपत्रों के लिए कई चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन हर बार उन्हें लौटा दिया जाता है। ब्रजेश कहते हैं, "जो तीन प्रमाणपत्र मिले हैं, उसमें भी काफी गड़बड़ियां हैं। इसमें पिता करुणा शंकर शुक्ला के स्थान पर करुण शंकर शुक्ला, अजय कुमार शुक्ला के स्थान पर अजय शुक्ला अंकित है। नन्हीं पूर्वा के नाम पर पूर्वा शुक्ला (पुरुष) अंकित कर दिया गया है। इस वजह से हमारी मुश्किलें और बढ़ गई हैं।"

अपनों को खोने के बाद उनके मृत्यु प्रमाणपत्र हासिल करने के लिए भी परिजनों को परेशान किया जा रहा है। वहीं इस प्रमाणपत्र के अभाव में अभी तक लापता लोगों को सरकारी दस्तावेजों में मृत भी नहीं माना जा सकता। इस वजह से परिजनों के कई जरूरी काम नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में वह सरकार की पूरी प्रक्रिया पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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English summary
Death certificates of the people who died in Uttarakhand flood are now found wrong. This is the incident of Pilibhit.
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