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राहुल गांधी, नरेंद्र मोदी से क्‍या है अमेरिका की अपील

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Narendra Modi-USA
नई दिल्‍ली/ वाशिंगटन। संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका ने लोकसभा चुनावों के बाद देश में बनने वाली सरकार से गुहार लगाई है कि वह इस तरह की आर्थिक नीतियों का पालन करे जिससे कि देश में निवेश का माहौल बेहतर हो और यहां

पर निवेश को बढ़ावा मिल सके। अमेरिका की इस अपील में साफ संदेश दिया गया है कि वाशिंगटन चाहता है कि दोनों पक्षों की ओर से होने वाला व्‍यापार साल में 500 बिलियन डॉलर को पार कर जाए।

अमेरिका की सहायक सचिव निशा बिस्‍वाल ने कहा कि साउथ एशिया की तरक्‍की भारत पर निर्भर करती है। अमेरिका की ओर से भारत को साउथ एशिया का 'ग्रोथ इंजन' कहकर परिभाषित किया गया है। बिस्‍वाल हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के कैनेडी स्‍कूल में एक कार्यक्रम के दौरान मौजूद थीं जहां पर उन्‍होंने यह बात कही।

सबसे खराब माहौल भारत में
बिस्‍वाल ने कहा कि भारतीय नेताओं की ओर से अगले पांच वर्षों के दौरान इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर में एक ट्रिलियन डॉलर का निवेश करने का लक्ष्‍य तय किया गया था ताकि मैन्‍यूफैक्‍चरिंग सेक्‍टर में आई खाली जगह और कम वृद्धि दर को दूर किया जा सके। लेकिन सरकार की नीतियों की वजह से इस देश में होने वाले विदेशी निवेश पर रोक लग गई है। निशा ने जानकारी दी कि निवेश के माहौल के लिहाज से दुनिया के 189 देशों की सूची में भारत का स्‍थान 134वां हैं और इसका मतलब यहां पर किसी भी व्‍यवसाय को शुरू करने और निवेश करने का माहौल काफी खराब है।

भारत को तय करना होगा अब अपना भविष्‍य
निशा ने आगे बताया कि भारत जो कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, उसे अब अपने भविष्‍य के बारे में कोई न कोई फैसला लेना होगा और अपना रास्‍ता तय करना होगा। निशा के मुताबिक न सिर्फ भारत बल्कि हर उस व्‍यक्ति के दिल में भी यह बात होगी जो इन चुनावों में अपने मताधिकार का प्रयोग करेगा। उस वोटर के दिमाग में जरूर यह सवाल होगा कि निवेश के मामले पर और देश की आर्थिक तरक्‍की को लेकर आने वाली सरकार के पास क्‍या जवाब होगा।

भारत की स्थिति एशिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति के तौर पर आंकी जाती है लेकिन पिछले दो वर्षों में देश की आर्थिक वृद्धि दर पांच प्रतिशत से कम पर ही रुक गई है। इसकी वजह है देश में होने वाला कमजोर निवेश और ग्राहकों की मांग में कमी है। भारत के हालात सन 1980 के बाद से अब सबसे ज्‍यादा खराब हैं।

क्‍या चाहता है अमेरिका
बिस्‍वाल ने इस दौरान कहा कि भारत के पास आर्थिक मोर्चे पर प्रगति करने की सारी संभावनाएं मौजूद थीं लेकिन यहां पर इस तरह की निवेश और कर नीतियों की आवश्‍यकता थी जो निवेशकों को आकर्षित कर सकें। इसके अलावा पूंजी और एक ऐसी प्रक्रिया यहां पर होनी चाहिए जिससे समय पर निवेशकों को जरूरी मंजूरी हासिल हो सकें। निशा जो कि अमेरिकी सरकार का प्रतिनिधित्‍व करती हैं, ने कहा कि भारत वैश्विक बाजार में जितनी तरक्‍की करेगा, एशिया का बाजार उतना ही मजबूत होगा। इस देश की अर्थव्‍यवस्‍था के बढ़ने पर विश्‍व की आर्थिक प्रणाली लाभान्वित हो सकेगी।

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English summary
America hopes that the future PM of India will work to improve Indian economy and will create investment friendly atmosphere.
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