नासा को पहले ही हो गया था मालिन गांव में आने वाले खतरे का अंदाजा
एक ऐसी त्रासदी जिसका अंदाजा भारत में किसी को नहीं था लेकिन उसके बारे में अमेरिका की स्पेस एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन यानी नासा को अंदाजा हो चुका था। नासा ने इस त्रासदी से जुड़ा एक अलर्ट भी अपनी वेबसाइट पर पोस्ट किया था।
29 जुलाई को अलर्ट, 30 जुलाई को हादसा
यह अलर्ट इस बात की गवाही देता है कि कैसे भारतीय अधिकारियों की नजरअंदाजगी और लापरवाही सैंकड़ों जिदंगियों पर भारी पड़ गई और मालिन गांव की त्रासदी हाल की सबसे बड़ी त्रासदियों में तब्दील हो गई।
नासा की वेबसाइट पर 29 जुलाई यानी मंगलवार को अलर्ट पोस्ट किया गया था और यह अलर्ट साइट पर सबसे ऊपर था। मालिन गांव में 30 जुलाई को लैंडस्लाइड हुआ और देखते-देखते पूरा गांव इसका शिकार हो गया।
नासा की वेबसाइट पर नासा ने लैंडस्लाइड पोटेंशियल मैप पोस्ट किया था। 29 जुलाई को शाम छह बजे पोस्ट किए गए इस मैप में नासा ने मालिन गांव के साथ भीमशंकर क्षेत्र को हाइलाइट किया था। नासा ने अपने इस मैप में नॉर्दर्न और वेस्टर्न घाटों के आसपास बसे क्षेत्रों का जिक्र खासतौर पर किया था।
अलर्ट में इन घाटों के गुजरात तक के हिस्से को लैंडस्लाइड के लिहाज से खासा खतरनाक करार दिया गया था। नासा के अलावा साउथ एशियन नेटवर्क फॉर डैम्स, रिवर्स एंड पीपुल (एसएएनडीआरपी) की ओर से नासा के इस अलर्ट का जिक्र उनके फेसबुक पेज पर 29 जुलाई को किया गया था।
जिम्मेदारी
से
बचते
अधिकारी
भारत
में
इंडियन
मेट्रोलॉजिकल
डिपार्टमेंट
आईएमडी,
की
ओर
से
इस
तरह
के
अलर्ट
या
फिर
चेतावनियों
पर
नजर
रखी
जाती
है।
नई
दिल्ली
में
जहां
आईएमडी
का
मुख्यालय
है
तो
वहीं
पुणे
में
भी
इसकी
एक
शाखा
है।
एक मीडिया रिपोर्ट की मानें तो पुणे में अधिकारियों ने इस अलर्ट पर नजर रखने की जिम्मेदारी दिल्ली मुख्यालय पर डाल दी है। वहीं दिल्ली मुख्यालय की मानें तो आईएमडी को नासा की ओर से मिली जानकारी के हिसाब से काम करने की कोई जरूरत नहीं है।
आईएमडी की मानें तो इस तरह के अलर्ट के बारे में अगर बात करनी है तो फिर जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया यानी जीएसआई ही बेहतरी से जवाब दे सकती है।
नेपाल
का
जिक्र
भी
नासा
की
ओर
से
नेपाल
में
लैंडस्लाइड
के
बारे
में
भी
29
जुलाई
को
ही
अलर्ट
पोस्ट
किया
गया
था।
शनिवार
को
नेपाल
में
लैंडस्लाइड
हादसे
में
आठ
लोगों
की
मौत
हो
चुकी
है
तो
40
लोग
गंभीर
रूप
से
घायल
हैं।
वहीं
बिहार
और
इसके
आसपास
के
इलाकों
में
बाढ़
का
खतरा
मंडरा
रहा
है।